गया। बिहार (bihaar) में महागठबंधन की सरकार (grand coalition government) बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) मंगलवार को गया स्थित विष्णुपद मंदिर (Vishnupad Temple) पहुंचे. यहां उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में जाकर विशेष पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके साथ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी (Mohamed Israel Mansoori) समेत अन्य नेता भी मौजूद थे. लेकिन इसको लेकर अब मंदिर प्रबंधन ने नाराजगी जताई है। दरअसल, मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों किनारों पर शिलापट्ट लगा हुआ है, जिस पर लिखा है कि मंदिर में अहिंदू (गैर-हिंदू) श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है। अब सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के गर्भगृह में जाने के बाद मंदिर समिति ने इस पर रोष व्यक्त किया है. वहीं बीजेपी (BJP) ने भी इसे लेकर निशाना साधा है।
विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शंभू लाल बिट्ठल ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि उस वक्त हमें भी इसकी जानकारी नहीं थी. चेहरे से पहचान नहीं सके. जो स्थानीय लोग थे, उन्हें रोकना चाहिए था. इससे सनातन धर्म और पंडा समाज को ठेस पहुंची है और इससे समिति क्रोधित है. जानबूझ कर ऐसा करवाया गया गया. कई वीआईपी मेहमान आए, मंत्री आए हैं, लेकिन मुस्लिम धर्म, क्या ईसाई धर्म के लोगों ने भी आज तक विष्णुपद मंदिर में प्रवेश नहीं किया है. जिनसे गलती हुई है, उन्हें खेद प्रकट करना चाहिए।
‘गैर-हिंदू के लिए मंदिर में एक स्थान निर्धारित’
मंदिर के अन्य सदस्य महेश लाल गुप्त ने कहा कि अगर जानकारी होती तो गैर-हिंदू के प्रवेश होने की जानकारी देकर रोका जाता. सीएम के साथ चलने वाले और भी मुस्लिम पदाधिकारी थे, लेकिन उन्होंने तो ऐसा नहीं किया. गैर-हिंदू के लिए विष्णुपद मंदिर में एक स्थान निर्धारित है, जहां से उन्हें बताया या मंदिर की जानकारी दी जाती है. यह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को सोचना चाहिए था।
बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं बीजेपी की तरफ से भी इसे लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा गया है. बिहार के बीजेपी नेता अरविंद कुमार सिंह ने इस पर कहा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए नीतीश कुमार कितना हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचाएंगे. 17-18 साल से सीएम रहे नीतीश को क्या पता नहीं है कि विष्णुपद मंदिर में गैर हिंदू का जाना वर्जित है.
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