ऑटो चालक ने दिखाई समझदारी, गलत हाथों में पड़ने के पहले पहुचाया सखी सेंटर
वन स्टॉप सेंटर इंदौर ने नाबालिग के परिवार को खोजकर पहुंचाया घर
इन्दौर। इंदौर (Indore) जैसे शहरों की चकाचौंध को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की नाबालिग बच्चियां (minor girls) घर से भाग रही है। बहकावे ओर परिवार (Family) से नाराजगी उन्हें घर से न केवल भागने पर मजबूर कर रही हैं, बल्कि वे गलत हाथों में पड़कर अपना जीवन भी बर्बाद कर रही है । एक नाबालिग अपने माता-पिता से नाराज होकर बिना बताए ही इंदौर के लिए निकल पड़ी और गलत हाथों में पड़ने से पहले ही वन स्टॉप सेंटर पहुंची जहां से उसके घर की तलाश की गई व समझाइश देकर परिवार के सुपुर्द किया गया।
रेलवे स्टेशन के बाहर सवारी के इंतजार में बैठे ऑटो चालक ने जागरूकता का परिचय देते हुए एक नाबालिग को गलत हाथो में पड़ने से बचा लिया। 18 अप्रैल को एक 16 वर्षीय बालिका बुढार शहडोल जिले से भटकते हुए इंदौर पहुंची थी। इंदौर रेलवे स्टेशन में बाहर निकल कर इधर-उधर देख रही थी। एक अंजाना शहर, अंजाना सा डर लिए सहमी हुई बालिका ने स्टेशन के बाहर एक ऑटो चालक से काम दिलाने की गुजारिश की ओर बताया कि वह इंदौर में पहली बार आई है। ऑटो चालक की जागरूकता और समझदारी से बालिका वन स्टॉप सेंटर इंदौर में पहुंची, जहां उसकी काउंसलिंग की गई।
माता-पिता बच्चों से नहीं कर रहे संवाद
प्रशासक डॉक्टर वंचना सिंह परिहार ने बताया कि बालिका से बात की। पहले तो बालिका अपने बारे में सही जानकारी नहीं दे रहे थी, प्रशासक द्वारा बालिका को पहले खाना खिलाया गया और बात करके विश्वास पैदा किया गया, उसके बाद बालिका ने अपने घर और परिवार वाले के नाम और पता बताया। उनके अनुसार आने वाले प्रकरणों में जो बातें सामने आई है उससे पता चलता है कि बच्चों और माता-पिता में संवाद की कमी के कारण नाबालिग अपनी बातें और इच्छा माता पिता को नहीं बता रहे और नाबालिग अनजाने में गलत कदम उठाकर शोषण का शिकार हो रहे हंै। ऐसे ही मामले आए दिन इंदौर में बढ़ रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत कार्य कर रही संस्थाओं को मिल रही सूचना के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है।
परिवार ने थाने में लिखाई थी गुमशुदगी रिपोर्ट
जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया के मार्गदर्शन में वन स्टाप सेंटर की प्रशासक द्वारा तत्काल शहडोल में सहायक संचालक संगीता मैडम को सूचित किया गया, जिससे बालिका के परिजन एवं थाना अमलाई तक सूचना पहुंची। बालिका की गुमशुदगी अमलाई थाने में दर्ज थी, परिवारजन काफी परेशान और बालिका को ढूंढ रहे थे। बालिका के परिजनों से प्रशासक ने बात की और सबको निश्चिंत रहने की सलाह दी । पहले बालिका अपने माता-पिता के साथ जाने से मना कर रही थी, बालिका को परामर्श दिया गया समझाया गया, तब बालिका अपने माता पिता के साथ जाने को तैयार हुई और आज बालिका के परिजन और अमलाई थाना पुलिस स्टाफ इंदौर पहुंचा जहां संयुक्त परामर्श सत्र के पश्चात बालिका को उसके परिजन के सुपुर्द किया गया।
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