जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में मंगलवार सुबह इलाज के दौरान हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता दीपक केवट की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डायलिसिस के दौरान टेकटेक्नीशिन द्वारा लापरवाही बरती गई, जिससे युवक की मौत हुई है। दीपक की मौत की जानकारी लगते हुए मंगलवार सुबह परिजनों के साथ हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज पहुंचे और जमकर हंगामा किया। दीपक का शव मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर रखकर करीब चार घंटे तक प्रदर्शन किया गया और लापरवाही करने वाले स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। हंगामे की जानकारी मिलते ही गढ़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के परिजनों को समझाईश दी।
परिजनों ने की मारपीट
पुलिस का कहना है कि मेडिकल कॉलेज की तरफ से इलाज में अगर लापरवाही बरती गई है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आ जाएगा। परिजनों का यह भी आरोप है कि बाउंसरों द्वारा मारपीट की गई है। हंगामे के दौरान एसडीएम मौके पर पहुंचे और जांच का आश्वासन दिया। जिसके बाद प्रदर्शन शांत हुआ और परिजन शव को लेकर ग्वारीघाट के लिए रवाना हुए।
तीन सदस्यीय टीम करेगी जांच
मेडिकल के डीन डॉक्टर नवनीत सक्सेना ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है। हिन्दू सेवा परिषद के महानगर अध्यक्ष अतुल जेसवानी ने बताया कि डीन श्री सक्सेना से मांग की गई है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए और जो भी दीपक की मौत के लिए जिम्मेदार है, ना सिर्फ उनके खिलाफ विभागीय बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाए। हिंदू सेवा परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के भीतर इस पर अमल नहीं किया जाता है तो फिर माननीय हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, और कोर्ट को दीपक की मौत से जुड़े सभी वीडियो-फोटो भी दिए जाएंगे।
किडनी की बीमारी से पीडि़त था युवक
ग्वारीघाट निवासी हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता दीपक केवट की किडनी में प्रॉब्लम आ गई थी, जिसका बीते छह माह से मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था। दीपक को डायलिसिस के लिए शनिवार को मेडिकल कॉलेज के फोर्थ फ्लोर में वार्ड नंबर 15 में भर्ती करवाया गया। परिजनों का कहना है कि दीपक की तबीयत में सुधार भी हो रहा था, सोमवार की रात को जब डायलिसिस किया जा रहा था, उस दौरान टेक्निशियन ने लापरवाही बरती जिसके चलते दीपक का काफी मात्रा में खून बह गया। वार्ड के बाहर बैठे परिजनों ने देखा कि डायलिसिस मशीन में दीपक अकेला पड़ा तड़प रहा है। तुरंत ही डॉक्टरों को सूचना दी गई, इलाज भी किया गया पर दीपक की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि टेक्नीशियन डायलिसिस के दौरान मोबाइल में व्यस्त था, जिसके चलते उसने मशीन पर ध्यान नहीं दिया और दीपक की मौत हो गई।
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