भोपाल। मध्यप्रदेश में अब सत्ता और संगठन के समन्वय के सारे सूत्र राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश के हाथ होंगे। खास यह कि प्रदेश संगठन और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अधिकारों पर भी शिव प्रकाश का पहरा होगा। यानी हर निर्णय के पहले शिव प्रकाश की मंजूरी अनिवार्य रहेगी। दिलचस्प यह कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच समन्वय का काम भी अब इनके जरिए होगा। दरअसल, भाजपा ने राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश का केंद्र यानी हेड क्वार्टर भोपाल कर दिया है। साथ ही शिव प्रकाश को मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, प. बंगाल और महाराष्ट्र का प्रभार दिया गया है। आरएसएस की तर्ज पर पहली बार भाजपा में यह व्यवस्था की गई है। इससे अब शिव प्रकाश भोपाल में ही रहेंगे। हर महीने उनकी यहां उपस्थिति रहेगी। साथ ही यह किसी भी राज्य में दौरे के लिए जाएं, लेकिन फिर वापस भोपाल ही आएंगे। इससे मध्यप्रदेश में सत्ता-संगठन का केन्द्र शिव प्रकाश हो जाएंगे। साथ ही अब प्रदेश संगठन में शिव प्रकाश की मंजूरी मायने रखेगी।
वीडी के ऊपर अब चार नेता
नई व्यवस्था के तहत अब प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के ऊपर प्रदेश स्तर पर ही चार नेता हो जाएंगे। इसके तहत प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और सह प्रभारी पंकजा मुंडे व विश्वेश्वर टुडे। इनके बाद अब शिव प्रकाश सबसे ऊपर होंगे। शिव प्रकाश के बाद संगठक वी सतीश और फिर सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रहेंगे। इससे मध्य प्रदेश की सीधी कनेक्टिविटी अब राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से संगठनात्मक रूप से भी होगी। इसका असर मध्यप्रदेश में लिए जाने वाले निर्णयों में सीधे तौर पर दिखेगा।
निर्णय क्यों- भाजपा संगठन और गृह मंत्री अमित शाह को मध्यप्रदेश में समन्वय की जरूरत महसूस हो रही थी। इस नजरिए से भी यह बदलाव किए गए हैं। पिछले एक साल से इस व्यवस्था को करने पर चर्चा थी, लेकिन मध्यप्रदेश में दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद समीकरण बदल गए। सिंधिया, शिवराज और वीडी शर्मा को देखते हुए उनमें समन्वय के लिए भी भोपाल में शिव प्रकाश रहेंगे।
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