डेस्क: बढ़ती जनसंख्या को काबू करने के लिए चीन ने 80 के दशक में वन चाइल्ड पॉलेसी को देश पर थोप दिया. साल 2016 में इस पॉलेसी को वापस ले लिया गया लेकिन अब सेना में युवाओं की कमी हो रही है. इस कमी को पूरा करने के लिए तिब्बत में नया भर्ती अभियान शुरु किया गया है. इस अभियान ने युवाओं ने मुसीबत खड़ी कर दी. जो भी तिब्बत का युवा पीएलए में शामिल होने से इनकार कर रहा है उस पर दबाव बनाया जा रहा है. भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में हुए विवाद के बाद से चीन ने तिब्बत में बड़ी संख्या में सैनिकों को भर्ती करने का काम शुरू किया जिसमें तिब्बती मिलीशा भी शामिल हैं. मना करने वाले तिब्बत के युवाओं को ब्लैक लिस्ट किया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी 2025 से तिब्बत और क़िंगहाई और सिचुआन के तिब्बती ऑटोनोमस क्षेत्रों (TAP) में चीनी सैन्य भर्ती अभियान चलाए जा रहे हैं. इन अभियानों का मकसद है तिब्बती युवाओं को PLA (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) में भर्ती करने के लिए मजबूर करना है. चौकाने वाली बात यह है कि चीनी अधिकारियों ने भर्ती के लिए तिब्बती युवाओं पर दबाव डालने का ऐसा सहारा लिया है कि कोई भी चौंक जाए. इनमें सोशल सिक्योरिटी के फायदे को बंद करना, आईकार्ड को जब्त किया जाना, घरेलू रजिस्ट्रेशन को रद्द करना, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को रोकना, यात्रा प्रतिबंध लगाना और उन तिब्बतियों के नाम सरकार की काली सूची में डालना शामिल है जो भर्ती में शामिल होने से इंकार करते हैं.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर तिब्बती युवा सेना में भर्ती होने के इच्छुक ही नहीं है. तिब्बत की राजधानी ल्हासा, शिगात्से शहर, गोलोग टीएपी (किंगहाई) और कार्दजे (सिचुआन) से तिब्बती युवाओं सेना में नहीं जाना चाहते. मजबूरन पीएलए को यह कदम उठाया गया है. जो तिब्बती युवा पीएलए में भर्ती होने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाला गया है. इससे ना तो कहीं यात्रा कर सकते है. पहचान पत्र जब्त होने चलते कहीं होटल या घरों में बुकिंग करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
स्किल्ड मैनपावर यानी की जिन भी तिब्बती लोगों जैसे डॉक्टर, ड्राइवर, टैक्निकल प्रोफेशनल शामिल करने के लिए पहले ही अभियान चलाया जा रहा था. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक हर साल का टार्गेट रखा गया था 20 से 22 हजार स्किल्ड मैनपावर की भर्ती करनी थी. लेकिन मिल रहे थे सिर्फ 7 से 8 हजार. भर्ती के इस कम नंबर से चीन का रिक्रूटमेट प्लान फेल हो गया. उसके बाद यह नया अभियान शुरू किया गया. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपनी सेना में तिब्बत के उन स्किल्ड लोगों को शामिल करना चाहता है जिनके मां बाप में को एक चीनी हो. ताकी वह चीनी पीएलए के लिए वफादार हो. नौकरी में भी एसे ही लोगों को प्राथमिकता दी जाती है. एक पेरेंट चीनी हो इसके लिए भी कई दशकों से चीन तिब्बत में अपना प्रोग्राम चला रहा था. इसके लिए तो चीनी प्रशासन ने बड़ी तादाद में जबरन तिब्बती लड़कियों के साथ शादियां भी कराई गई है.
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