नई दिल्ली: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री व पीटीआई के मुखिया इमरान खान एक बार फिर मुश्किलों में घिर गए हैं. बुधवार को इस्लामाबाद की एक अदालत ने महिला जज को धमकाने के मामले में इमरान खान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. अदालत ने पुलिस को इमरान को अरेस्ट करने और 18 अप्रैल को होने वाली मामले की अगली सुनवाई पर पेश करने का निर्देश दिया है.
पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिविल जज मलिक अम्मान ने मामले में फैसले को सुरक्षित रखते हुए इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. जज ने इमरान खान की उस याचिका को भी खारिज कर दिया है जिसमें पूर्व पीएम ने अदालत में पेशी से छूट की मांग की थी.
पुलिस ने इस मामले में इमरान खान के खिलाफ पिछले साल 20 अगस्त को केस दर्ज किया था. इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने एक रैली को दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी और पुलिस के बड़े अधिकारियों को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी.
क्या है मामला?
दरअसल, रैली के दौरान इमरान खान ने कथित तौर पर जज जेबा चौधरी पर आरोप लगाया था कि वे जानती थी कि जेल में बंद पीटीआई नेता शाहबाज गिल को प्रताड़ित किया था फिर उन्होंने जमानत देने से मना कर दिया.
बता दें कि इस्लामाबा हाई कोर्ट ने भी इस मामले में इमरान खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसके बाद पूर्व पीएम ने माफी मांग ली थी. इमरान की माफी पर संतुष्टि जताते हुए इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने अपना नोटिस वापस ले लिया था, लेकिन निचली अदालत में यह मामला अभी भी लंबित है.
तोशखाना मामले में 30 मार्च को पेशी
ट्रिब्यून डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के वकील अली गोहर ने कोर्ट के सामने दलील दी थी कि इमरान खान तोशखाना मामले में 30 मार्च को कोर्ट में उपस्थित होंगे, ऐसे में उन्हें इस मामले में भी उसी दिन पेश होने का निर्देश दिया जाए. हालांकि, कोर्ट ने दलील को मानने से इनकार कर दिया.
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