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    रूस में मर्सिडीज-बेंज की अरबों-खरबों की संपत्ति पर लटकी तलवार, कंपनी को साइबर हमलों का भी अंदेशा

  • March 12, 2022

    नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के चल रहे युद्ध से जर्मनी की प्रमुख कार निर्माता कंपनी Mercedes-Benz (मर्सिडीज-बेंज) की 2 बिलियन यूरो (करीब 1 खरब 68 अरब रुपये) से ज्यादा की संपत्ति को खतरा हो सकता है। कार निर्माता ने कहा है कि विदेशी कंपनियों के देश छोड़ने की स्थिति में रूसी अधिकारियों द्वारा उनकी संपत्ति का राष्ट्रीयकरण करने का प्रस्ताव कार निर्माता के लिए एक बड़ा झटका होगा। मर्सिडीज-बेंज कई वैश्विक ऑटो निर्माताओं में से एक है, जिनके पास रूस में अपने मैन्युफेक्चरिंग प्लांट हैं, और उन्होंने यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बीच देश के साथ वाहनों के आयात और निर्यात को रोक दिया है।

    मर्सिडीज-बेंज ने शुक्रवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि यूक्रेन में चल रही जंग ने पार्ट्स की किल्लत से लेकर ऊर्जा आपूर्ति या यहां तक कि साइबर हमलों तक जैसे कई जोखिमों को पैदा कर दिया है। मर्सिडीज-बेंज ने कहा, “रूसी सहायक कंपनियों की संपत्ति के संभावित जब्ती से ये जोखिम और बढ़ सकते हैं।”


    मर्सिडीज-बेंज की प्रतिक्रिया रूस की सत्ताधारी पार्टी यूनाइटेड रशिया के उस फैसले के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने विदेशी वाहन निर्माता कंपनियों के राष्ट्रीयकरण की धमकी दी थी। रूस की सत्ताधारी पार्टी ने कहा है कि एक सरकारी आयोग ने ‘अमित्र देशों’ की फर्मों की संपत्ति के राष्ट्रीयकरण की दिशा में पहले कदम को मंजूरी दी है, जिन फर्मों में विदेशी स्वामित्व 25 प्रतिशत से ज्यादा है।

    पिछले हफ्ते, मर्सिडीज-बेंज भी अन्य विदेशी कार निर्माताओं में शामिल हो गई थी, जिन्होंने रूस को निर्यात रोकने का फैसला किया है। कार निर्माता ने एक बयान जारी कर कहा था, “मर्सिडीज-बेंज अगले नोटिस तक रूस में यात्री कारों और वैन के निर्यात के साथ-साथ रूस में स्थानीय मैन्युफेक्चरिंग को निलंबित कर रही है।” मर्सिडीज-बेंज के पार्टनर Daimler Truck (डेमलर ट्रक) ने भी कहा था कि वह रूस में अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को रोक देगा, जिसमें रूसी ट्रक निर्माता Kamaz (कामाज) के साथ उसका सहयोग भी शामिल है।

    पिछले महीने यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष को देखते हुए कई कार निर्माताओं ने रूस में परिचालन स्थगित करने का फैसला किया था। वोल्वो, फेरारी, होंडा, टोयोटा, फॉक्सवैगन, जनरल मोटर्स, जगुआर लैंड रोवर, मर्सिडीज-बेंज, फोर्ड और बीएमडब्ल्यू जैसे कार निर्माताओं ने न सिर्फ अपने परिचालन को निलंबित कर दिया, बल्कि देश में अपने वाहनों के निर्यात पर भी रोक लगा दी है।


    मर्सिडीज-बेंज की मॉस्को के पास एसिपोवो में एक मैन्युफेक्चरिंग प्लांट है जहां वह ई-क्लास सेडान और एसयूवी का उत्पादन करती है। इस प्लांट में लगभग 1,000 कर्मचारी हैं। इस प्लांट का उद्घाटन अप्रैल 2019 में हुआ था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्लांट के उद्घाटन समारोह में भाग लिया था। पुतिन ने कहा था कि प्लांट करीब 30 करोड़ डॉलर (करीब 23 अरब रुपये) के निवेश से हर साल 25,000 कारों का उत्पादन करेगा।

    मर्सिडीज रूस में 25 मॉडल पेश करती है जिसमें C-Class, E-Class, S-Class, V-Class, AMG और Maybach जैसी कारें शामिल हैं। कंपनी EQE और EQS जैसी इलेक्ट्रिक कारों की भी पेशकश करती है।

    मर्सिडीज-बेंज ने कहा कि उसकी रूसी संपत्ति, जिसका मूल्य साल 2021 के आखिक तक 2 बिलियन यूरो (करीब 1 खरब 68 अरब रुपये) था। साथ ही बैंकों को लगभग 1 बिलियन यूरो (करीब 83 अरब 77 करोड़ रुपये) की देनदारी है, जिसके लिए कार निर्माता ने वैश्विक गारंटी जारी की है।

    पश्चिमी प्रतिबंधों और स्थिर अर्थव्यवस्था के बीच रूसी ऑटो उद्योग में विदेशी निवेश के लगभग सूख जाने जैसी स्थिति में वर्षों बाद मास्को के पास मर्सिडीज का मैन्युफेक्चरिंग प्लांट रूस में किसी विदेशी कार निर्माता द्वारा खोला जाने वाला पहला प्लांट है।

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