नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreem Court) ने केंद्र सरकार (central government) के उस प्रस्ताव की तारीफ की जिसमें कोरोना वायरस (Corona Virus) से मारे गए लोगों के परिजनों को 50 हजार रुपये (50 thousand rupees) मुआवजा देने की बात कही गई है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट चार अक्तूबर (4th October) को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा। आज सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि हमने इस बात का नोटिस लिया है कि भारत (India) ने इस दिशा में क्या कदम उठाए हैं, ऐसा किसी अन्य देश में नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें खुशी है कि कई परिवारों के आंसू पोंछने के लिए कोई कदम उठाया गया है। अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कहा कि जिनकी जान गई है, हम उसे तो परिवारों (families) को वापस नहीं कर सकते, लेकिन देश जो कर सकता है, वह किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि हमें खुशी है कि मारे गए लोगों के परिजनों के आंसू पोंछने के लिए कुछ तो किया गया है। हमें ध्यान में रखना होगा कि इतनी अधिक जनसंख्या होने के बावजूद इस तरह का कदम उठाया गया है। भारत ने जैसा किया है, वैसा अब तक किसी देश ने नहीं किया है।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना ने केंद्र सरकार के दो शपथपत्र को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि वह चार अक्तूबर को इस संबंध में आदेश जारी करेगा, जिसमें मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर होने वाले विवादों समेत कुछ अन्य अहम दिशा-निर्देश शामिल होंगे।
50 हजार रुपये मुआवजा
केंद्र सरकार ने बुधवार को शीर्ष अदालत को बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को 50 हजार के मुआवजे की शिफारिश की है। केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि राहत कार्यों में शामिल लोगों के परिजनों को भी यह अनुग्रह राशि दी जाएगी।
हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि यह राशि राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। केंद्र सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि मुआवजे का भुगतान न केवल पहले हुई मौतों के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी किया जाएगा।
पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोरोना के शिकार लोगों के परिजनों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया था, जिसे कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया था। मगर कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुआवजा तय करने के बारे में क्या किया गया है, कोर्ट को बताएं। इस पर एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि अगली तारीख 23 सितंबर को कोर्ट के समक्ष यह ब्योरा रख दिया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved