नई दिल्ली। करीब दो दशकों से लंबित इंजीनियर्स विधेयक (Pending Engineers Bill) का मामला अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Union Education Minister) के समक्ष रखा जाएगा (Will be Placed) । यह विषय भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस-शताब्दी समारोह में उठाया जा सकता है।
भारत के शीर्ष इंजीनियरों के संगठन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) 36वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस- शताब्दी समारोह 26 दिसंबर से 28 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। करीब दो दशकों से लंबित इंजीनियर्स विधेयक का मामला भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस-शताब्दी समारोह में उठाया जा सकता है।
इस 36वें अधिवेशन का विषय इंजीनियर्स के लिए व्यावहारिक प्रौद्योगिकी और 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था है। तीन दिवसीय कार्यक्रम में भारत और विदेशों के शीर्ष इंजीनियर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय शामिल होंगे।
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के निदेशक डॉ. एच. आर. पी. यादव ने बताया हम साल 2000 से इंजीनियर्स बिल पर जोर दे रहे हैं। वर्तमान में भारत में वकीलों, डॉक्टरों, आर्किटेक्ट्स, मेडिकल प्रोफेशनल्स और अन्य लोगों के लिए एक्ट है, लेकिन इंजीनियरों के लिए कोई विधेयक नहीं है। यदि हमारे पास इंजीनियर्स अधिनियम होगा, तो आईईआई को सभी इंजीनियरों को अपनी छत्रछाया में विनियमित करने का जनादेश दिया जा सकता है।
डॉ. यादव ने कहा कि साल 2019 में एक पेशेवर इंजीनियर बिल का मसौदा तैयार किया और इसे एमएचआरडी को प्रस्तुत किया गया। तब से यह मंत्रालय के पास पड़ा है और कोई प्रगति नहीं हुई है।मेजर जनरल एमजेएस स्याली, वीएसएम (सेवानिवृत्त), सचिव और महानिदेशक, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) ने कहा कि भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस का उद्देश्य इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों को सामने लाना है। भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में से एक के रूप में उभरा है और इसके मजबूत घरेलू खपत और जनसांख्यिकीय लाभांश द्वारा समर्थित अगले 10-15 वर्षों में दुनिया की शीर्ष तीन आर्थिक शक्तियों में से एक होने की उम्मीद है। भारत सरकार ने 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने का लक्ष्य रखा है।
यह अधिवेशन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के दिल्ली स्टेट सेंटर द्वारा किया जा रहा है। इस दौरान चार प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। आठ प्रख्यात इंजीनियरों द्वारा भारतीय इंजीनियरिंग के महानायकों की स्मृति में स्मृति व्याख्यान दिया जाएगा। इसके साथ संचार और सूचना इंजीनियरिंग (डब्ल्यूएफईओ-सीआईसी) पर इंजीनियरिंग संगठन समिति के विश्व संघ की एक तकनीकी बैठक भी शामिल है, जहां विभिन्न देशों के प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है।
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