इंदौर। भंवरकुआं क्षेत्र (Bhanwarkuan area) में जो छात्र लापता हुआ था, वह संयोगितागंज में मिल गया है। पहले तो वह कहने लगा कि उसका कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया और बाद में उसे संयोगितागंता क्षेत्र में छोड़ दिया, लेकिन पुलिस ने उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की तो उसने कबूल कर लिया कि उसने अपहरण की फर्जी कहानी बनाई थी। वह खुद ही गायब हो गया था।
बड़वाह के नादिया गांव का रहने वाला सुमित पिता महेश भोलाराम उस्ताद मार्ग से लापता हो गया था। परिजन ने उसके अपहरण की शंका जताई थी। इस दौरान उसके बैंक खाते से 20 हजार रुपए भी ऑनलाइन निकाले थे, जिससे आशंका थी कि अपहरणकर्ताओं ने यह रुपए निकाले होंगे। पुलिस ने उसकी लोकेशन निकाली तो वह पटियाला की निकली। पुलिस की टीमें उसकी तफ्तीश में लगी ही थीं कि वह संयोगितागंज क्षेत्र में मिल गया। पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची और फिर इलाज के बाद एक थानेदार ने रात को उसे घर ले जाकर खाना खिलाया और विश्वास में लेते हुए पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि उसने अपहरण की फर्जी कहानी बनाई। दरअसल ऑनलाइन ट्रेडिंग में उसे काफी नुकसान हुआ था। इसलिए उसने कई लोगों से कर्जा ले लिया था। जिनसे कर्जा लिया था, उनमें उसके पैतृक गांव के पास बड़वाह के लोग भी शामिल थे। घरवालों को उसके कर्ज की बात पता चलने लगी थी। जिसके चलते उसने खुद के अपहरण की कहानी रची, ताकि घरवाले उसे डांटे-फटकारे नहीं। वह इंदौर पढ़ाई करने आया था, लेकिन उसने न सिर्फ अपने परिजनों को अपहरण की झूठी कहानी से परेशान किया, बल्कि पुलिस से भी काफी मशक्कत कराई।
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