इंदौर, तेजकुमार सेन। एटीएम में डकैती की योजना बनाते हुए आरोपियों को पकड़े जाने के प्रकरण में पुलिस द्वारा बताई गई कहानी कोर्ट में काल्पनिक सिद्ध हुई। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी के साथ आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। घटना 29 जून 2022 की होलकर साइंस कॉलेज गेट के पास पुलिया के नीचे की बताई गई। भंवरकुआं पुलिस ने मुखबिर से मिलो सूचना के आधार पर एटीएम में डकैती की योजना बना रहे पांच लोगों की घेराबंदी की। इनमे चार पकड़े गए, जिनमें ललित उर्फ लल्ला निवासी पीपलियाराव, पवन राठौड़ निवासी जलगांव और विनय सिसोदिया निवासी सोनकच्छ के अलावा एक नाबालिग आरोपी शामिल हैं। एक आरोपी हर्ष फरार है। इनके पास से पुलिस ने लोहे का पेशकश, धारदार छुरा, मिर्ची पावडर, चाकू, टॉमी जब्त करना बताया। इनके विरुद्ध डकैती के प्रयास की धारा 399, 402 आईपीसी और आम्र्स एक्ट में कायमी की गई।
कोर्ट की टिप्पणी
सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में उल्लेखित किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि कल्पना के आधार पर उक्त प्रकरण को बनाया गया है, तभी अपने बयानों में कोई साक्षी कहता है कि अभियुक्त मौके पर ही जब उठने का प्रयास कर रहे थे, तभी पकड़ लिया था और कोई कहता है कि अभियुक्तगण 40-50 कदम दूर भागे थे तो कोई कहता है कि इससे भी अधिक भागे थे। नवम अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र सिंह कुशवाह की कोर्ट ने माना कि उक्त सभी विरोधाभास और अस्वाभाविकताएं अभियोजन मामले को पूर्णत: संदेहास्पद बना देती हैं और निश्चित रूप से उक्त संदेह का लाभ अभियुक्तगण को मिलना ही चाहिए। उपरोक्त समग्र विवेचना पश्चात् यह कहा जा सकता है कि अभियोजन आरोपियों के विरुद्ध आरोप प्रमाणित करने में सफल नहीं रहा है। अत: इन्हें दोषमुक्त किया जाता है।
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