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शेयर बाजार ने निवेशकों को किया कंगाल, 100 दिन में डूबे 60 लाख करोड़

January 14, 2025

नई दिल्ली: भले ही मकर संक्रांति (Makar Sankranti) यानी 14 जनवरी को शेयर बाजार में मामूली तेजी देखने को मिली हो, लेकिन हाल के दिनों के सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex and Nifty) दोनों में बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है. विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) ने शेयर बाजार से जब से पैसा निकालना शुरू किया है, तब से शेयर बाजार की हालत भी खस्ता हो चली है. करीब 100 दिन पहले शेयर बाजार रिकॉर्ड लेवल पर थे. जो मौजूदा समय में रिकॉर्ड लेवल से से 10 फीसदी से ज्यादा नीचे आ चुका है. खास बात तो ये है कि शेयर बाजार के निवेशकों को इन 100 दिनों में करीब 60 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.

अगर बात जनवरी की ही करें तो सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है और निवेशकों को लाखों करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बीते 100 दिनों या यूं कहें कि रिकॉर्ड हाई से शेयर बाजार कितना नीचे आ चुका है और निवेशकों को कितना नुकसान हो चुका है.

27 सितंबर 2024 को शेयर बाजार यानी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही 52 हफ्तों के हाई पर पहुंच गए थे. तब सेंसेक्स 85,978.25 अंकों के साथ रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए थे. उसके बाद से सेंसेक्स में 9,642.5 अंक यानी 11.21 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. अगर बात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 27 सितंबर के दिन 26,277.35 अंकों के साथ रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था. तब से निफ्टी 3,143.2 अंक यानी करीब 12 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है.


इससे पहले महामारी के बाद ऊपर से नीचे तक सबसे लंबा सुधार 19 अक्टूबर 2021 से 17 जून 2022 तक आठ महीने तक देखने को मिला था. जिसकी वजह से शेयर बाजार निवेशकों को 34.81 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. उस दौरान निफ्टी 18,604.45 के रिकॉर्ड हाई से 18 फीसदी गिरकर 15,183.40 अंकों के लोअर लेवल पर आ गया था.

शेयर बाजार में इस बड़ी गिरावट का सबसे बड़ा असर निवेशकों पर दिखाई दिया है. निवेशकों का नुकसार बीएसई के मार्केट कैप से जुड़ा हुआ होता है. 27 सितंबर 2024 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स बंद हुआ था तो बीएसई का मार्केट कैप 4,77,93,022.68 करोड़ रुपए था. मंगलवार को जब सेंसेक्स दिन के लोअर लेवल पर था तो बीएसई का मार्केट कैप 4,18,10,903.02 करोड़ रुपए पर दिखाई दिया था. तब से अब तक बीएसई का मार्केट कैप 59,82,119.66 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इसका मतलब है कि शेयर बाजार निवेशकों को 100 दिनों में करीब 60 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और बीएसई लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार शेयर बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण एफपीआई की बिकवाली है. जिन्होंने रुपए में गिरावट और रूस पर ताजा अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच अक्टूबर से 12 जनवरी तक 1.85 लाख करोड़ रुपए के शेयर बेच दिए. इस बीच, म्यूचुअल फंड के नेतृत्व में डीआईआई ने इसी अवधि में 2.18 लाख करोड़ रुपए का निवेश भी किया है. एफपीआई की बिक्री के बराबर डीआईआई खरीदारी के बावजूद गिरावट का कारण यह है कि डीआईआई बाद में बाहर निकलने के लिए कम कीमतों पर बोली लगा रहे हैं. हालांकि एफपीआई की शेयर बाजार में खरीदारी जल्द शुरू होने की संभावना ना के बराबर है. उसका प्रमुख कारण रुपए में गिरावट और कच्चेल तेल की कीमतों में इजाफा है.

27 सितंबर के बाद से ब्रेंट क्रूड 12 फीसदी बढ़कर 80 डॉलर बैरल के पार पहुंच गया है. इसी अवधि में, सोमवार तक डॉलर के मुकाबले में रुपया 3.4 फीसदी कमजोर होकर 86.58 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. रुपए की कीमत में गिरावट से एफपीआई का डॉलर रिटर्न कम हो गया है. अमेरिका में बॉन्ड यील्ड सितंबर के मध्य में 3.7 फीसदी से बढ़कर 4.76 फीसदी हो गई है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने चार साल में पहली बार ब्याज दरों में कटौती शुरू की थी. फेड तीन पॉलिसी मीटिंग में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर चुका है.

वैसे मंगलवार को शेयर बाजार मामूली तेजी के साथ बंद हुआ है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 169.62 अंकों की तेजी के साथ 76,499.63 अंकों पर बंद हुआ. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 76,335.75 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर भी पहुंच गया था. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 90.10 अंकों की तेजी के साथ 23,176.05 अंकों पर बंद हुआ है. कारोबारी सत्र के दौरान 23,134.15 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर पहुंच गया था.

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