जौनपुर । कहते ऊपर भगवान (God) और नीचे डाक्टर इंसानों के लिए दूसरा भगवान के रूप में है. जौनपुर के सीनियर सर्जन डाक्टर लाल बहादुर सिद्धार्थ ने एक अनोखी किस्म (unique variety) का ऑपरेशन किया है. जिसको सुनकर आप दांतो तले अंगुलिया दबाने को मजबूर हो जाएंगे. एक मरीज अपने परिजन के साथ ऑपरेशन (surgery) के लिए डाक्टर के पास पहुंचे और डाक्टर को बताया कि मरीज को हार्निया है. और पिछले 3-4 दिन से कुछ खा नही रहे. लेकिन मरीज के पेट में स्टील का ग्लास(steel glass) चला गया था, जो मरीज के पेट में कैसे पहुंचा, इसका खुलासा डॉक्टरों की जांच में हुआ…
जौनपुर(jaunpur) के सीनियर सर्जन डाक्टर लाल बहादुर सिद्धार्थ ने एक अनोखी किस्म का ऑपरेशन किया है. जिसको सुनकर आप दांतो तले अंगुलिया दबाने को मजबूर हो जाएंगे. एक मरीज के पेट से स्टील का ग्लास निकाला है.
मरीज के परिजनों ने बताया कि पिछले 3-4 दिन से कुछ खा नही रहे हैं. और बार-बार टॉयलेट जाते हैं. इसके बाद भी खाना नही खा रहे हैं. फिर डाक्टर ने प्रक्रिया के तहत पहले मरीज का अल्ट्रासाउंड और उससे नही साफ हुआ तो फिर एक्सरे किया तो उसके पेल्विस में एक गिलास नुमा कुछ दिख रहा था. डाक्टर भी अचंभित रह गए. ऑपरेशन में उसके पेट से डाक्टर ने एक साडे 4 इंच लंबी और ढाई इंच चौड़ी स्टील का ग्लास निकाला. जिसको देखकर डाक्टर व उनके स्टाफ भी अचंभित रहे.
जिले के महराजगंज (Maharajganj) के गोठवा भटौली के समरनाथ ने जिले के सर्जन डॉ लाल बहादुर सिद्धार्थ के यहां इलाज के पहुंचा. मरीज ने डाक्टर से बताया कि उसके पेट मे पिछले 3-4 दिनों से बहुत दर्द हो रहा है. उसे भूख भी नही लग रहा है. जिसके बाद डाक्टर सिद्धार्थ ने सबसे पहले मरीज का जांच कराई, जिसमें एक्सरे रिपोर्ट देखकर डाक्टर दंग रहे है.
जिले के महराजगंज के गोठवा भटौली के समरनाथ ने जिले के सर्जन डॉ लाल बहादुर सिद्धार्थ के यहां इलाज के पहुंचा. मरीज ने डाक्टर से बताया कि उसके पेट मे पिछले 3-4 दिनों से बहुत दर्द हो रहा है. उसे भूख भी नही लग रहा है. जिसके बाद डाक्टर सिद्धार्थ ने सबसे पहले मरीज का जांच कराई, जिसमें एक्सरे रिपोर्ट देखकर डाक्टर दंग रहे है.
जिसमें उन्होंने एक गिलास जैसे आकृति दिखाई दी, उसके बाद डाक्टर उसे निकालने का प्रयास किया करीब एक घंटे तक डाक्टर ने ऑपरेशन किया. इस दौरान जब डाक्टर ने पेट में चीरा लगाया तो उन्होंने एक ग्लास दिखा, जिसके बाद डाक्टर ग्लास निकाला, अभी मरीज का आईसीयू में रखा गया, अभी भी उसकी हालत
जिसमें उन्होंने एक गिलास जैसे आकृति दिखाई दी, उसके बाद डाक्टर उसे निकालने का प्रयास किया करीब एक घंटे तक डाक्टर ने ऑपरेशन किया. इस दौरान जब डाक्टर ने पेट में चीरा लगाया तो उन्होंने एक ग्लास दिखा, जिसके बाद डाक्टर ग्लास निकाला, अभी मरीज का आईसीयू में रखा गया, अभी भी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
डॉक्टर लाल बहादुर सिद्धार्थ ने बताया कि इस तरीके यह मैं तीसरा ऑपरेशन किया हूं इसके पहले मैं बोतल पेट में पाए जाने का सफल ऑपरेशन किया और यह ऑपरेशन मेरे 18 साल की प्रैक्टिस में बहुत आश्चर्यजनक ऑपरेशन था, जिसे मैंने 2 घंटे में किया. मालूम हो कि डॉक्टर सिद्धार्थ पूर्वांचल में कई जटिल से जटिल रोगों का रिस्क लेकर ऑपरेशन किए है. मरीजों की जान बचाई है, गिलास कैसे शौच के रास्ते गया, फिलहाल यह इंसानियत सोच को शर्मसार करने वाली बात है.
डॉक्टर लाल बहादुर सिद्धार्थ ने बताया कि इस तरीके यह मैं तीसरा ऑपरेशन किया हूं इसके पहले मैं बोतल पेट में पाए जाने का सफल ऑपरेशन किया और यह ऑपरेशन मेरे 18 साल की प्रैक्टिस में बहुत आश्चर्यजनक ऑपरेशन था, जिसे मैंने 2 घंटे में किया. मालूम हो कि डॉक्टर सिद्धार्थ पूर्वांचल में कई जटिल से जटिल रोगों का रिस्क लेकर ऑपरेशन किए है. मरीजों की जान बचाई है, गिलास कैसे शौच के रास्ते गया, फिलहाल यह इंसानियत सोच को शर्मसार करने वाली बात है
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