
अशोकनगर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को जल्द ही एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है. चंबल अंचल के एक अशोकनगर जिले (Ashoknagar district) में राज्य का दूसरा कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज (College of Agricultural Engineering) खुलने जा रहा है. कॉलेज खुलने के बाद जहां किसानों को तो फायदा होगा ही लेकिन सबसे बड़ा फायदा प्रदेश और अशोकनगर जिले के युवाओं को होगा, जिससे यहां युवा अपने प्रदेश में ही रह कर खेती सी जुड़ी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. दरअसल, राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के अंतर्गत प्रदेश की मोहन यादव सरकार अशोकनगर में राज्य का दूसरा कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की तैयारी कर रही है.
सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अशोकनगर में कॉलेज का निर्माण किया जाएगा. जिसके लिए 100 हेक्टेयर जमीन की मांग की गई है तो वहीं कॉलेज के निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्टर और उपकरण पर 339 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कॉलेज के बनने के बाद जहां मध्य प्रदेश के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए भटकाना नहीं पड़ेगा तो वहीं प्रदेश के कृषि में भी बड़ा परिवर्तन होगा. क्योंकि यह पूरा इलाका खेती-किसानी से जुड़ा है.
अशोकनगर में कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज बनने के बाद शिक्षकों के साथ ही 115 पदों पर स्टाफ की भर्ती की जाएगी. इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय ने प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है, जल्द ही इसकी मंजूरी के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव को रखा जाएगा. कैबिनेट से पारित होने के बाद कॉलेज का निर्माण बहुत ही तेज गती से किया जाएगा.
आपको बता दें कि प्रदेश का पहला कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर में खोला गया था. इस कॉलेज में बीटेक इन एग्रीकल्चर में इंजीनियरिंग के 99 सीटें है. जिसमें दाखिलें के लिए छात्रों को पी ए टी देना होता है. इस टेस्ट में पास होने के बाद ही छात्रों का कॉलेज में एडमिशन हो पाता है. अब अगर अशोकनगर में भी नया कॉलेज खुलता है तो प्रदेश के युवाओं को और भी मौके मिलेंगे.
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