नई दिल्ली। अदाणी मामले (Adani Case) में कांग्रेस (Congress) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरफ से केंद्र की भाजपा सरकार (BJP Government) पर लगाए गए आरोपों का पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने इस मामले में कांग्रेस और विपक्ष को घेरते हुए कहा कि अमेरिकी कोर्ट (America Court) में जो दस्तावेज दिए गए हैं, उनमें इन गड़बड़ियों को 2021 से 2022 के बीच के होने का आरोप लगाया गया है। इस दौरान हुई गड़बड़ियों को चार राज्यों का जिक्र किया गया है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा शामिल हैं। पात्रा ने कहा कि बताए गए दौर में इन चारों राज्यों में न तो भाजपा की सरकार थी और न ही इन राज्यों में भाजपा समर्थित सरकार थी। चारों राज्यों में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की सरकारें थीं।
[relposty]
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “राहुल गांधी के पास वही चंद नाम हैं, वही चंद तरीका है। उन्होंने उसी तरह से फिर भाजपा पर आरोप लगाया है। मुझे याद है कि राफेल को लेकर राहुल गांधी इसी तरह खड़े हुए थे। कोरोना के समय में भी वह इसी तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे। ये राहुल गांधी का तरीका है भारत पर हमला करने का और जो स्ट्रक्चर भारत को बचाते हैं, उन पर हमला करने का।”
अमेरिका में भारत की कंपनी को लेकर केस चल रहा है। अभी आक्षेप है। हमारा मानना है कि जब कंपनी के केस का विषय है तो कंपनी उस पर बयान जारी करेगी। कानून अपना काम करेगा। बिजली की खरीद और राज्यों की बिजली वितरक कंपनियों (एसडीसी) के साथ जो समझौता है। यह पूरा मामला जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच का है। अमेरिकी कोर्ट के केस में जिन चार राज्यों का नाम आता है, उनमें छत्तीसगढ़ की एसडीसी का नाम आता है। तब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की, कांग्रेस की सरकार थी।
दस्तावेजों में आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक लेन देन की बात सामने आती है। तब आंध्र प्रदेश में किसकी सरकार थी। भाजपा की नहीं थी। तब वहां वाईएसआर कांग्रेस की सरकार थी। दस्तावेज में तमिलनाडु का नाम आता है। तब वहां कांग्रेस के सहयोगी डीएमके की सरकार थी। ओडिशा में तब बीजद की सरकार थी। इन चार राज्यों का नाम अमेरिका में दायर दस्तावेजों में आया है। इन चारों ही राज्यों में भाजपा की नहीं, कांग्रेस और उनके सहयोगियों की सरकारें थीं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved