शिमला । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा (By the State Government) पुलिस भर्ती में (In Police Recruitment) महिलाओं को (To Women) 30 प्रतिशत आरक्षण (30 Percent Reservation) प्रदान किया जाएगा (Will Provide) । सोलन जिले के नौणी स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने छात्र जीवन से जुड़ी यादों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन के बेहतर साल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में बिताए और उसके बाद सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
उन्होंने कहा कि युवा हिमाचल प्रदेश का भविष्य हैं। इस अवसर पर मेधावी छात्रों को बधाई दी और प्रत्येक स्वर्ण पदक विजेता को 10,000 रुपए की सम्मान राशि देने की घोषणा की। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा हैं और सकारात्मक सोच से चुनौतियों पर विजय हासिल कर सफलता पाई जा सकती है। उन्होंने युवाओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पहचानने और संरक्षित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और 23 स्वर्ण पदक विजेताओं में से 20 लड़कियां हैं।
राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और कई जिलों में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा। समाज के विकास में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रदेश सरकार लड़कियों की विवाह योग्य आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने पर विचार कर रही है और इस विषय पर परामर्श के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने प्रति व्यक्ति पर एक लाख रुपये से अधिक के ऋण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उधार लेने की सीमा घटाकर 6600 करोड़ रुपये करने के बावजूद राज्य सरकार भावी पीढ़ियों के लाभ सुनिश्चित करने के लिए कठोर निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है। सीमित संसाधनों के बावजूद सरकार का लक्ष्य अगले दशक में राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना है और सरकार व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है और सरकार ने कानून बनाकर 27 वर्ष की आयु तक उनकी देखभाल की जिम्मेदारी ली है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत उनकी देखभाल, उच्च शिक्षा, छात्रावास खर्च और पॉकेट मनी के रूप में सरकार द्वारा 4000 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। अनाथ बच्चों को स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए 2 लाख रुपये, घर बनाने के लिए तीन बिस्वा जमीन, 3 लाख रुपये गृह निर्माण के लिए और शादी के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को स्वरोजगार अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए आगामी बजट में प्राकृतिक खेती को प्राथमिकता और प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश के राजस्व में निरंतरता सुनिश्चित करना है, जिसके दृष्टिगत किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा आगामी बजट में नए प्रावधान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ना सरकार की योजना में शामिल है। सरकार प्राकृतिक उत्पादों की खरीददारी और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों के माध्यम से उत्पादित फसलों के लिए आकर्षक दरें प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना का पहला चरण शुरू किया है, जिसमें राज्य के युवाओं को ई-टैक्सी के लिए 500 परमिट प्रदान किए जाएंगे। ई-टैक्सी की खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सरकार सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने, वित्तीय सहायता और उत्पादित बिजली को 25 वर्षों तक खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त कृषि और बागवानी के क्षेत्र में अनेक अभिनव पहल कर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने सतलुज जल विद्युत निगम के मुख्य महाप्रबंधक नंद लाल शर्मा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक आर.सी.अग्रवाल को मानद उपाधि के लिए बधाई भी दी।
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