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     रायपुर :  प्रदेश में सरकार कांग्रेस नहीं, अधिकारी चला रहे हैं : भाजपा

  • January 08, 2021
    रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा समर्थन मूल्य से अधिक पर धान ख़रीद के किए गए दावे को दंभोक्तिपूर्ण बताते हुए कटाक्ष किया है कि ऐसा करके मुख्यमंत्री प्रदेश के किसानों पर कोई अहसान नहीं कर रहे हैं।
    उन्होंने और कांग्रेस के नेताओं ने गली-गली ढिंढोरचियों की तरह गंगाजल की कसम खाकर 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान ख़रीदने का शोर मचाया था और प्रदेश की जनता ने उन्हें इसी के लिए सत्ता सौंपी है। इसलिए डींगें हाँकने और छल-कपट की सियासत करने के बजाय मुख्यमंत्री बघेल ईमानदारी से किसानों के भले के लिए काम करें क्योंकि धान ख़रीदने से बचने की उनकी सियासी साजिशों के चलते प्रदेश का किसान ख़ून के आँसू रोने मज़बूर है।
    शुक्रवार को मीडिया को जारी अपने बयान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि समर्थन मूल्य से अधिक पर धान ख़रीदी का ज़मीनी सच प्रदेश अच्छी तरह देख-समझ रहा है। क़दम-क़दम पर किसानों को हलाकान और उनके स्वाभिमान को लहूलुहान करने वाली प्रदेश सरकार अभी तो पिछले साल के ख़रीदे गए धान का ही पूरा मूल्य किसानों को दे नहीं पाई है। इस वर्ष के धान का भुगतान भी पखवाड़े भर तक नहीं कर पाने वाली प्रदेश सरकार और उसके मुख्यमंत्री का वृथा गाल बजाना और भाजपा के आंदोलन पर तंज कसना बेशर्मी की पराकाष्ठा ही है। साय ने कहा कि प्रदेश सरकार में अपने वादे को लेकर इतनी ही संजीदगी और किसानों के प्रति इतनी संवेदना होती तो प्रदेश के किसान सरकारी कुनीतियों, भ्रष्टाचार और कालाबाज़ारियों-जमाखोरों से कमीशनखोरी के चलते आत्महत्या करने को विवश नहीं होते। प्रदेश सरकार अपना काम ठीक ढंग से ईमानदारी के साथ कर नहीं रही है I
    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष भी किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए तरसाने में कोई क़सर बाकी नहीं रख छोड़ी है। रकबा घटाने और गिरदावरी से लेकर धान ख़रीदी शुरू करने में एक माह का विलंब किसानों के साथ अन्याय तो था ही, अब एक तो कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव नहीं कराके प्रदेश सरकार ने सोसाइटियों को जाम करके रख दिया है और दूसरे बारदाना का संकट पैदा करके किसानों को मानसिक वेदना व आर्थिक चोट पहुँचाई जा रही है। श्री साय ने  मुख्यमंत्री बघेल से सवाल किया है कि धान ख़रीदी की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार के उपक्रम एनसीडीसी से मिले 9 हज़ार करोड़ रुपए को लेकर  और कौन-सी राशि जैसे जुमले उछाल रहे मुख्यमंत्री अब इस राशि के मिलने की विभागीय स्वीकारोक्ति के बाद कब तक इस राशि का हिसाब देंगे? यह बेहद हास्यास्पद स्थिति है कि मुख्यमंत्री केंद्र से मिली राशि को लेकर सवाल उठा रहे हैं और संबंधित विभाग राशि मिलना स्वीकार कर रहा है। इससे साफ़ हो जाता है कि प्रदेश में सरकार कांग्रेस नहीं, अधिकारी चला रहे हैं।

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