अगरतला। फेनी नदी (Feni River) में कटाव की समस्या से निजात पाने और इसके पानी को पीने योग्य बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसे लेकर भारत और बांग्लादेश (India and Bangladesh) के बीच सहमति बन गई है। भारत (India) बांग्लादेश (Bangladesh) के उच्चाधिकारियों ने भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा (Indo-Bangladesh international border) पर बहने वाली फेनी नदी के आस-पास के इलाके का निरीक्षण किया। इसके साथ ही नदी की पानी को लेकर लंबे समय से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया।
दक्षिण त्रिपुरा के डीएम साजू वहीद ने बताया कि दोनों देशों के उच्चाधिकारियों ने नदी के किनारे के कुछ हिस्सों में कटाव की समस्या को खत्म करने का संकल्प लिया है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और दक्षिण त्रिपुरा के डीएम साजू वहीद ने कहा कि अगले दो-तीन सप्ताह के भीतर योजनाओं पर काम शुरू होने की उम्मीद है।इसके अलावा भारत-बांग्लादेश की संयुक्त तकनीकी बैठक में शुक्रवार को राज्य की प्रमुख लंबित परियोजनाओं में से एक दक्षिण त्रिपुरा जिले के सबरूम में जल शोधन संयंत्र की मंजूरी देने पर ‘प्रारंभिक रूप से’ सहमति बन गई।
बता दें कि बांग्लादेश के विरोध के कारण 2012 से अब तक जल शोधन संयंत्र लंबित है। सबरूम नगर निकाय के लोगों के लिए यह संयंत्र काफी महत्वपूर्ण है। बांग्लादेश सबरूम शहर में 28.32 लीटर प्रति सेकंड जल शोधन संयंत्र पर आपत्ति जताता रहा है क्योंकि यह फेनी नदी से पानी एकत्र करेगा। यह नदी सबरूम से बांग्लादेश की ओर बहती है। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा बांग्लादेश बार्डर गार्ड्स (बीजीबी) ने भी इस परियोजना विरोध किया है क्योंकि संयंत्र की जगह भारत-बांग्लादेश सीमा के काफी करीब है।
त्रिपुरा जल संसाधन विभाग के सबरूम उप-मंडल अधिकारी सुब्रत देबबर्मा ने बताया, ‘आज स्थानीय स्तर की भारत-बांग्लादेश संयुक्त तकनीकी समिति की धुलबाड़ी में बैठक हुई जिसमें जल शोधन संयंत्र पर सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए विस्तृत चर्चा हुई। बांग्लादेश जल बोर्ड, चटगांव के मुख्य अभियंता, रमजान अली प्रमाणिक की अध्यक्षता में बांग्लादेश पक्ष प्रारंभिक रूप से परियोजना की अनुमति देने के लिए सहमत हुआ।’ देबबर्मा ने बताया कि बांग्लादेश पक्ष ने इस पर भी जोर दिया कि जल शोधन संयंत्र कंटीले तार की बाड़ से 10 मीटर और नदी से 25 मीटर दूर होना चाहिए।
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