इंटरसेप्टर व्हीकल के चालान बनाने पर लोग पूछ रहे
इंदौर। तेज गति (Speeding) से वाहन (Vehicles) चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं (Accidents) को रोकने के लिए पुलिस को मुख्यालय से एक इंटरसेप्टर व्हीकल (Interceptor Vehicle) मिला है। इससे पुलिस ने चालान भी बनाना शुरू कर दिया है, लेकिन पकड़े जा रहे लोगों को पता ही नहीं कि कहां किस गति से चलना है। इसके चलते वे पुलिसकर्मियों से पूछ रहे हैं कि कहां लगा है बोर्ड।
कुछ दिन पहले इंदौर यातायात पुलिस (Traffic Police) को पुलिस मुख्यालय से एक इंटरसेप्टर व्हीकल (Interceptor Vehicle) मिला है, जिसकी अनुमानित कीमत गाड़ी सहित दस लाख रुपए है। ये एक वैन में लगी मशीन है, जिसमें अंदर कैमरा (Camera) लगा हुआ है। तेज गति से आने वाले वाहनों की गति को यह नापकर तुरंत बता देती है, जिसके बाद पुलिस उन लोगों का चालान बना रही है। पुलिस एक सप्ताह में लगभग 50 चालान बना चुकी है, लेकिन लोगों को पता ही नहीं है कि कहां किस गति से वाहन (Vehicles) चलाना है। इसके लिए पुलिस को चाहिए कि पहले हर प्रमुख चौराहे पर संकेतक बोर्ड लगाए और लोगों को बताए कि कहां किस गति से चलना है। इसके पहले ही चालानी कार्रवाई शुरू होने से पकड़े गए लोग पुलिस से पूछ बैठते हैं कि कहां लिखा है कि कितनी गति से चलना है। पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार शहर में 30 की गति से चलने का नियम है, जबकि रिंग रोड और डबल रोड पर 40 की गति तय है। बायपास और सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) पर 100 की गति से वाहन (Vehicles) चल सकेंगे। इन सडक़ों का डिजाइन ही इस तरह का है।
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