हिंदु धर्म में धार्मिक त्यौहारो का विशेष महत्व है धार्मिक मान्यता के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी (Papamochani Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष पापमोचनी एकादशी आज 07 अप्रैल दिन बुधवार को है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord vishnu) की विधि विधान से पूजा की जाती है। उनकी कृपा से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं, चाहें उससे अनजाने में ही क्यों न हुए हों। पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के समय पापमोचनी एकादशी (Papamochani Ekadashi) की व्रत कथा का पाठ या श्रवण करना चाहिए। इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बतानें जा रहें हैं कि पापमोचनी एकादशी के दिन भूलकर भी ये काम नही करना चाहिए तो आइये जानतें हैं….
ऐसी भी मान्यता है कि एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है। इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए
एकादशी के दिन चावल (Rice) नहीं खाने चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन चावल (Rice) का सेवन करता है वह अगले जन्म में रेंगने वाले प्राणी के रूप में जन्म लेता है. इसलिए इस दिन चावल न खाएं. कहते हैं इस दिन चावल खाना मांस के सेवन करने के समान माना जाता है.
एकादशी तिथि के दिन मांस-मछली (Meat and fish) और मदिरापान से परहेज करना चाहिए. जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखते हैं उन्हें दशमी तिथि के दिन भी इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही लहसुन (Garlic), प्याज (onion), गाजर, मूली, शलजम, गोभी, पालक और मसूर की दाल का सेवन भी न करें.
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दिखाता है. एकादशी के दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए.
एकादशी का दिन भगवान विष्णु की आराधना का दिन होता है इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और शाम के वक्त सोना भी नहीं चाहिए. इसके अलावा इस दिन न तो क्रोध (anger) करना चाहिए और न ही झूठ (lie) बोलना चाहिए.
सभी तिथियों में एकादशी कि तिथि बहुत शुभ मानी जाती है. एकादशी का लाभ पाने के लिए इस दिन किसी को कठोर शब्द नहीं कहना चाहिए और न ही अपशब्द बोलने चाहिए. लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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