इन्दौर (Indore)। फादर्स डे के एक दिन पहले एक पिता ने बेटे की जान अकेले अपने दम पर बचाई। आंखों से कम दिखने पर भी पिता ने आवाज के सहारे बेटे के फांसी पर लटकने की आहट सुनी और उसे गोद में उठाकर फंदा हटाया और उसे नीचे उतारा। चंद मिनट की भी देरी हो जाती तो बेटा इस दुनिया में नही रहता। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर है।
आदित्य पिता राकेश निवासी गोविंद कॉलोनी बाणगंगा को फांसी के फंदे से उतारकर एमवाय अस्पताल लाया गया। बताया जा रहा है कि वह स्क्रीन प्रिंटिंग का काम करता है। कल आदित्य बाहर से घर आया और उसने दुपट््टे का फंदा बनाकर छत पर टांगते हुए कुर्सी पर खड़ा होकर उस पर झूल गया। आदित्य के घरवालों को कहना है कि घटना के दौरान पिता राकेश ही घर में थे। उन्हें साफ दिखाई नहीं देता है। आदित्य ने जब फांसी लगाई तो कुर्सी की आवाज सुनकर वे आदित्य तक पहुंचे तो आदित्य के पैर उनके सिर पर लगे, वे समझ गए कि आदित्य ने फांसी लगा ली। उन्होंने आदित्य को पैरों के सहारे ऊपर उठाया और चुन्नी को खींचा तो फंदा खुल गया। इसके बाद उसे नीचे उतारा और आसपास के लोगों की मदद से अस्पताल लेकर पहुंचे। अब आदित्य बोलने की स्थिति में आ गया है, लेकिन वह यह नहीं बता रहा है कि उसने यह कदम क्यों उठाया।
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