भोपाल। प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों (Power Distribution Companies) की करतूतों के किस्से किसी से छिपे नहीं है। उपभोक्ताओं को सस्ती सुविधाएं मुहैया कराने की आड़ में बिजली कंपनी में अधिकारी नवाचार करते आ रहे हैं। कंपनियों में अधिकारी बदलते ही नवाचार भी बदल जाते है और नवाचार सिर्फ निजी कंपनियों (Private Companies) को मुनाफा कमाने तक सीमित हैं। इन नवाचारों से बिजली उपभोक्ताओं चकरघिन्नी हो गए हैं। मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपनी डिजिटल सेवा संकल्प का संचालन करने वाली कंपनी का ठेका बदला है। जबकि ग्राहकों के लिए नंब पुरानी कंपनी का ही दे रखा है, जो बंद है। उपभोक्ता मदद की गुहार लगाता है तो नंबर बंद मिलता है। अग्निबाण (Agniban) की सूचना पर कंपनी ने नए ठेकेदार का नंबर बदला है।
मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी (Central Zone Electricity Company) का दावा है कि पूरा कार्य पेपरलेस है। जबकि संकल्प का संचालित करने वाली ठेका कंपनी के अफसरों का दावा है कि संकल्प पर सिर्फ ऑनलाइन आवेदन करना होता है। जबकि प्रिंट निकालकर ग्राहक को बिजली कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय में अनिवार्य रूप से जमा करना होता है। पहले ऑफलाइन सेवा में कंपनी ही फार्म उपलब्ध कराती थी। ग्राहक सिर्फ भरकर देता था। संकल्प पर ऑनलाइन प्रक्रिया इतनी जटिल है कि आम नागरिक के लिए आवेदन करना बेहद मुश्किल है। मजबूरी में उसे परिवहन विभाग की सेवा लेने की तरह बाहर से पैसा खर्च कर सेवा लेनी होती है।
उपाय की जगह अब निष्ठा एप
पूर्व एमडी ने ग्राहकों को बिल जमा करने से लेकर नया कनेक्शन लेने से लेकर शिकायत एवं अन्य सभी सेवाओं के समाधान के लिए ‘उपाय’ एप के जरिए उपाय निकाला। लेकिन एमडी बदलते ही उपाय फेल हो गया। अब कंपनी निष्ठा एप लेकर आई है। जिसके जरिए एजेंट ग्राहकों के बिजली बिल का भुगतान कर सकेंगे और उन्हें कमीशन मिलेगा। कंपनी में पंजीकृत व्यक्ति/एजेंसी या संस्था को कंपनी के निष्ठा पोर्टल/ निष्ठा मोबाइल एप पर एजेंट के रूप में बिजली बिलों का भुगतान कराना होगा। बिल भुगतान कराने हेतु संख्या का कोई बंधन नहीं।
कंपनी अधिकारी करते हैं एमडी को गुमराह
बिजली कंपनियों में एमडी ज्यादा दिन नहीं टिकते हैं। कंपनियों में अधीनस्त अधिकारी एमडी को गुमराह कर अपने फायदे के लिए नए एप, पोर्टल बनाने के खेल करवाते रहे हैं। कंपनियों में ऐसे अधिकारियों का समूह है, जो नए एमडी को उलझाकर अपने स्तर से फैसले करवाते रहे हैं।
पेपरलेस का दावा, बिना पेपर के काम नहीं
मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी में लगभग ज्यादातर काम ठेके पर है। जिसमें बिल बांटने से लेकर, बिल बनाने, सर्विस पोर्टल संकल्प का संचालक एवं एप का संचालक भी निजी हाथों में है। कंपनी के पूर्व एमडी संकल्प सेवा लेकर आए थे। उन्होंने कंपनी कार्यालय को पेरपलेस किया। लेकिन कागज का भार उपभोक्ता के कंधों पर डाल दिया। नए एमडी ने संकल्प का ठेका ही बदल दिया। इसको लेकर बिजली कंपनी में ठेकेदारों के बीच घमासान मचा हुआ है। इस प्रतिनिधि से चर्चा में कंपनी के ठेका अधिकारी ने बताया कि संकल्प का संचालक कोई करता है। ग्राहकों की समस्या कोई सुनता है। इसलिए सेवा सही नहीं मिल रही है। हालांकि आला अधिकारी व्यवस्था को सुधारने का दावा कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियां्रे के संज्ञान में मामला आने के बाद गुरुवार को संकल्प पोर्टल पर हेल्पलाइन नंबर नया अपलोड कर दिया है।
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