नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Uttar Pradesh)योगी आदित्यनाथ द्वारा महाराष्ट्र चुनाव प्रचार (maharashtra election campaign)के दौरान दिए गए बयान “बांटेंगे तो कटेंगे”(“If you divide, you will be cut”) को लेकर भाजपा के भीतर से असहमति (Dissent from within the BJP)के स्वर उठने लगे हैं। भाजपा की विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पंकजा मुंडे ने इस बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि उनका राजनीति का दृष्टिकोण अलग है और वह केवल इसलिए इस बयान का समर्थन नहीं कर सकतीं कि वे भाजपा से हैं।
पंकजा मुंडे ने एक मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “मेरे लिए विकास ही असली मुद्दा है। एक नेता का काम है कि इस धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अपना समझे। हमें महाराष्ट्र में किसी ऐसे मुद्दे को लाने की जरूरत नहीं है।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ ने इसे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति में एक अलग संदर्भ में कहा था, और उसका वही अर्थ नहीं है जो महाराष्ट्र में समझा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना जाति या धर्म देखे सबको समान रूप से राशन, आवास और सिलेंडर दिए हैं।
योगी आदित्यनाथ के इस बयान के खिलाफ एनसीपी नेता अजित पवार भी खुलकर सामने आए हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था, “मैंने पहले भी कई बार कहा है कि इस तरह की राजनीति महाराष्ट्र में काम नहीं करेगी। हो सकता है यह उत्तर प्रदेश, झारखंड या अन्य जगहों पर काम करे, पर महाराष्ट्र में नहीं।” महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।
एनसीपी के उम्मीदवार नवाब मलिक ने भी कहा कि भाजपा द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए गए धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के वादे को महायुति के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है। ज्ञात हो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे को उनके समर्थक मानते हैं कि मोदी-शाह के उदय के बाद से उन्हें पार्टी में हाशिए पर रखा गया है। हालांकि, ओबीसी समुदाय के लिए पंकजा मुंडे एक मजबूत चेहरा बनी हुई हैं जिसे भाजपा नजरअंदाज नहीं कर सकती। पंकजा 2024 के लोकसभा चुनावों में बीड में कांग्रेस उम्मीदवार बजरंग सोनावणे से करीब 6500 वोटों के अंतर से हार गई थीं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved