इस्लामाबाद। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद के सभी पांच सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पताल और लाहौर के शेख जायद अस्पताल ठप होने के कगार पर पहुंच गए हैं। यहां इन अस्पतालों के सुचारू संचालन के लिए 11 अरब पाकिस्तानी रुपये देने के वित्त प्रभाग के अनुरोध को संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज कर दिया है।
इस कारण कई कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नर्सें एक सप्ताह से अधिक समय से वेतन रुकने के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं। इन अस्पतालों की लैब भी जल्द ही पूरी तरह ठप हो जाएंगी क्योंकि टेस्टिंग किट का स्टॉक तक खत्म हो रहा है। फिल्म न होने के चलते रेडियोलॉजी परीक्षणों को भी अस्वीकार किया जा रहा है।
हालात, यहां तक हैं कि मरीजों को दवाएं तक देने से इन्कार किया जा रहा है, क्योंकि कंपनियों को निविदा राशि का भुगतान नहीं किया गया है। लाहौर का शेख जायद अस्पताल बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि यह संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वित्त पोषण से चलता है। आशंका है कि आगामी दिनों में पाक की खराब होती अर्थव्यवस्था के चलते आपातकालीन विभाग भी बंद हो सकते हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से डॉन अखबार ने पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की एक और पोल खोली है। देश में वार्षिक अल्पकालिक मुद्रास्फीति 4 माह में पहली बार 40% से ऊपर हो गई है। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा, 16 नवंबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रास्फीति की दर 41.9% रही, जिसका मुख्य कारण एक वर्ष पूर्व की तुलना में गैस शुल्क में 1,100% से अधिक की वृद्धि है। मूल्य वृद्धि वाली अन्य वस्तुओं में सिगरेट (94.5%), गेहूं का आटा (86.4%), मिर्च पाउडर (81.7%), टूटे हुए बासमती चावल (76.7%), लहसुन (63.6%) बढ़ गए हैं।
आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान की विदेशी ऋण जरूरतों को घटाकर 25 अरब डॉलर कर दिया है। उसने नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ी राहत देते हुए इसमें 3.4 अरब डॉलर की कटौती की है।
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