नगर निगम चुनाव के लिए 6 जुलाई को हुए मतदान के बाद अब वोट प्रतिशत कम होने और जीत हार को लेकर नए समीकरण बनने की आशंकाएं भी बढ़ गई है शहर के 79 वार्डों में से जिन वार्ड वोटिंग परसेंटेज 50-52 प्रतिशत या इससे कम आया है वहां कहानी वाले नतीजे सामने आ सकते हैं वहीं दूसरी तरफ जिन वार्डों में राजनीतिक दलों के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी के बीच त्रिकोणी संघर्ष की स्थिति बनी उन वार्डो में भी कड़ी टक्कर होने के कारण चौंकाने वाले नतीजे सामने आ सकते हैं।
जबलपुर। यदि मतदान के प्रतिशत की बात की जाए तो वोट परसेंटेज घटने के पीछे कई कारण है वोटर लिस्ट की खामियां और मौसम के मिजाज का भी असर वोटिंग परसेंटेज पर पड़ा है कुछ वार्डो में जहां मतदाताओं को मतदाता पर्ची नहीं नसीब हुई वही वोटर लिस्ट मतदाताओं के नाम नदारद होने के कारण भी बड़ी संख्या में मतदाता वोट डालने से वंचित रह गए अनेक स्थानों पर बूथ बदले जाने के कारण भी बड़ी संख्या में मतदाता मतदान केंद्रों में भटकते नजर इन खामियों के कारण बड़ी संख्या में मतदाता वोट डालने की इच्छा लेकर अपने क्षेत्र के मतदान केंद्रों में तो पहुंचे लेकिन अव्यवस्थाओं के कारण उनकी वोट डालने का हसरत अधूरी रह गई यदि निगम चुनावों की बात की जाए तो महापौर पद के लिए जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर रही और जीत हार का फैसला भी इन्हीं दोनों के बीच होना है लेकिन पार्षद बनने का सपना संजोये उम्मीदवारों के दिलों की धड़कन जरूर बड़ी हुई है और और वे अब वोट प्रतिशत के आधार पर जीत हार का गणित लगाने में लगे है।
सबका अपना-अपना गणित है और अपने अपने आकलन अब देखने वाली बात यह है कि उनका गणित और आकलन कितना सार्थक सिद्ध होता है आज की स्थिति तो यह है कि किसी भी उम्मीदवार से बात करो या समर्थकों से भी हर हाल में अपनी जीत को सुनिश्चित मानकर चल रहे है सबसे ज्यादा चिंतित उन क्षेत्रों की प्रत्याशी है यहां का वोट प्रतिशत कम रहा स्कूली कर राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवार मी अपने अपने तरीके से अपनी बात रख रहे है किसी का कहना है कि इस बार के चुनाव में बड़ी संख्या में लोगों को पर पर्चियां नहीं मिली जिसके कारण बे लोग वोट डालने से वंचित रह गए तू कुछ प्रत्याशियों का कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के मतदान केंद्र बदल दिए गए जिसके कारण मतदाता भटकाव में उलझ गया वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायत तो आम रही और सब इन सभी का असर चुनाव के दिन देखने में आया हालांकि मतदान के दौरान हुई बारिश के कारण भी थोड़ा बहुत मतदान प्रभावित हुआ शहर की बस्ती इलाकों में तो फिर भी अच्छे वोट पड़े लेकिन पॉश इलाकों में ऐसा नहीं हुआ खामियां चाहे जो भी रही हो लेकिन इसका खामियाजा अनेक प्रत्याशियों को भुगतना पड़ सकता है चुनाव परिणाम तो 17 जुलाई को आएंगे चुनाव समर में उतरे प्रत्याशियों के लिए यार 8 दिन भारी नजर आ रहे हैं।
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