नई दिल्ली। नीम एक ऐसा पेड़ है जिसके तने, पत्तियां और बीज औषधि का काम करते हैं। गांवों अभी लोग इसकी टहनियों की दातून करते रहे हैं। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल दवा बनाने में करते हैं। इसके बीज का भी इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है।
हालांकि बहुत से इसकी पत्तियों को इसकी कड़वाहट के कारण नहीं पसंद करते हैं। मगर आयुर्वेद में इसके चौंकाने वाले फायदे बताए गए हैं। रोजाना सुबह खाली पेट नीम की पत्तियों खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही शारीरिक विकार भी दूर होते हैं।
नीम, जिसे चमत्कारिक जड़ी बूटी के रूप में भी जाना जाता है। इसका हर हिस्सा औषधीय उपचार में काम आता है। नीम रक्त को साफ करता है और शरीर से किसी भी जहरीले तत्व को बाहर निकालने में मदद करता है। नीम में फंगस, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है। यह अपने एंटीकैंसर गुणों के लिए जाना जाता है।
यह मात्र एक ऐसा पेड़ा है जिसके हर हिस्से का इस्तेमाल औषधि बनाने के लिए किया जाता है। इसकी छाल, पत्ते और बीज के चमत्कारिक फायदे आयुर्वेद में बताए गए हैं। कई बार, जड़, फूल और फल का भी उपयोग किया जाता है। नीम के पत्तों का उपयोग कुष्ठ रोग के लिए किया जाता है। इसके इस्तेमाल से नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, त्वचा के अल्सर, हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों (हृदय रोग), बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी (मसूड़े की सूजन) और जिगर के रोग ठीक हो जाते हैं।
इसके अलावा नीम की छाल का इस्तेमाल मलेरिया, पेट और आंतों के अल्सर, त्वचा रोग, दर्द और बुखार को ठीक करने में किया जाता है। नीम में ऐसे रसायन की खान हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने, पाचन तंत्र में अल्सर को ठीक करने, बैक्टीरिया को मारने और मुंह में प्लाक के निर्माण को रोकने में मदद कर सकते हैं।
एक शोध बताता है कि नीम के पत्तों (Health Benefits of Neem ke patte) का अर्क दांतों और मसूड़ों पर 6 सप्ताह तक रोजाना लगाने से प्लाक यानी दांतों पर मैल जमना कम हो सकता है। यह मुंह में बैक्टीरिया की संख्या को भी कम कर सकता है जो दांतों की मैल यानी डेंटल प्लाक का कारण बनता है। यदि अर्क नहीं मिलता है तो आप नीम के पत्तों को ही अच्छी तरह से धोकर सुबह-सुबह चबा सकते हैं।
हालांकि 2 सप्ताह तक नीम के अर्क से कुल्ला करने पर प्लाक या मसूड़े की सूजन को कम करने के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं। अगर आप आप नीम की पत्तियों का सेवन नहीं करना चाहते हैं, तो इसकी चटनी (Neem Ki Chutney) बना सकते हैं। नीम की चटनी को रोज सुबह खाने से आप तमाम तरह के वायरस और बैक्टीरिया से बच सकते हैं।
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