नई दिल्ली। कोरोना टीके (corona vaccine) की तीसरी यानी अतिरिक्त खुराक (third additional dose) को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। ओमिक्रॉन (Omicron Variants) स्वरूप से बचने के लिए विदेशों में इसका टीकाकरण भी शुरू हो चुका है लेकिन भारत में भी अगले साल से स्वास्थ्यकर्मी व अति जोखिम वाली आबादी को अतिरिक्त खुराक देना तय हुआ है, जिसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा बाकी है।
चूंकि इस फैसले के बाद भी कई बाधाएं पार करने की जरूरत है। इसलिए भी कहीं न कहीं सरकार इंतजार कर रही है। जहां एक स्तर पर ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variants) के आइसोलेट होने का इंतजार किया जा रहा है। वहीं दूसरे छोर पर कोविशील्ड और कोवॉक्सिन (Covishield and Covoxin) पर शुरू हुए अध्ययन के परिणाम आने भी बाकी हैं।
राष्ट्रीय तकनीकी टीकाकरण सलाहकार समिति से जुड़े एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि टीके की अतिरिक्त खुराक देने पर लगभग सभी विशेषज्ञों की सहमति बन चुकी है लेकिन अभी इसे अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि तीसरी खुराक को लेकर हमारे पास अभी कुछ नहीं है।
कोविशील्ड टीके पर यूके में परीक्षण हुआ है लेकिन भारत में इसका परीक्षण अभी होना बाकी है। कोवाक्सिन को लेकर भी अतिरिक्त खुराक पर काम चल रहा है मगर उसके लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट का आइसोलेट होना बहुत जरूरी है। यह काम पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिक कर रहे हैं।
इस प्रक्रिया में दो से तीन सप्ताह का वक्त लगता है। ऐसे में अभी विशेषज्ञों को एनआईवी से इसकी खबर आने का इंतजार है। वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि देश में करीब 40 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी व अति जोखिम वाली आबादी है जिसका चयन अतिरिक्त खुराक के लिए हुआ है।
नियम व टीके की मंजूरी पर फैसला अलग-अलग
एम्पॉवर्ड ग्रुप के एक अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त खुराक का नियम बनना और टीके को मंजूरी मिलना दोनों अलग-अलग विषय हैं। नियम बनाने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी टीकाकरण सलाहकार समिति और डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में गठित टीकाकरण समिति काम कर रही है।
बीते 24 घंटे में 7447 संक्रमित
देश में एक दिन में 7447 लोग संक्रमित मिले हैं। 391 की मौत हुई है। वहीं 7886 मरीजों को छुट्टी दी गई है। सक्रिय मामले 86,415 हैं।
कोवावैक्स के आपात इस्तेमाल को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में बनने वाली अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की वैक्सीन कोवावैक्स को कोरोना मरीजों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही दुनियाभर में गरीब देशों को टीका पहुंचाने वाले संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक टीका आपूर्ति कार्यक्रम में भी यह टीका शामिल किया जा सकेगा।
कोवावैक्स टीएम नाम से प्रचलित यह वैक्सीन डब्ल्यूएचओ की हरी झंडी पाने वाली नौवीं वैक्सीन है। इस फैसले के साथ ही अब कोवावैक्स टीएम टीका लगवाने वालों को उन देशों की यात्रा में भी आसानी होगी जिन्होंने सिर्फ डब्ल्यूएचओ प्रमाणित टीकों को ही यात्रा की छूट दी हुई है। इस टीके का रखरखाव बेहद सरल है और सिर्फ रेफरीजरेटर की मदद से इसे लंबे समय तक रखा जा सकता है। इस खासियत से यह टीका गरीब देशों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
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