मुंबई: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) में एक बार फिर एनडीए बनाम इंडिया अलायंस के बीच मुकाबला (Competition between NDA and India Alliance) होने जा रहा है. शुक्रवार को होने जा रहे महाराष्ट्र विधान परिषद (Maharashtra Legislative Council) चुनावों में दोनों एक दूसरे को मात देने की कोशिश करेंगे. मुकाबला इसलिए भी रोचक हो गया है, क्योंकि 11 सीटों पर 12 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए गए हैं. मैच को अपने पाले में करने के लिए खिलाड़ी मोर्चे पर तैनात कर दिए गए हैं. इस मुकाबले को सत्ता का सेमीफाइनल इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि नतीजों से पता चलेगा कि सरकार में काबिज बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति एकजुट है, या उसके कुछ विधायक सिखक रहे हैं. सबसे ज्यादा निगाह अजीत पवार गुट के विधायकों पर होगी.
एनडीए को सबसे डर इस बात का है कि कहीं अजीत पवार खेमे के कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं, क्योंकि उन्हें विधानसभा चुनाव में सत्ता में लौटने का भरोसा नहीं है. लोकसभा चुनाव में अजीत की पार्टी 4 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन सिर्फ 1 सीट पर उन्हें जीत हासिल हुई थी. एनडीए में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है, जबकि इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना शामिल है.
एमएलसी चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में एक बार फिर रिसॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. कांग्रेस अपने सभी विधायकों के लिए होटल इंटरकांटिनेंटल में डिनर पार्टी आयोजित की है. एनसीपी अजीत पवार गुट ने अपने विधायकों को आज शाम 7 बजे तक होटल ललित पहुंचने को कहा है. इसी से पता चल जाएगा कि अजीत पवार के पास कितने विधायक बचे हैं. शिवसेना एकनाथ शिंदेग्रुप के सभी विधायक होटल ताज लेंड एंड में रुकेंगे. दोनों गुटों के पार्टियों को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. इसलिए ये रिसॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हुई है.
महाराष्ट्र में एमएलसी की कुल 12 सीटों पर चुनाव होगा. सत्तारूढ़ एनडीए ने 9 प्रत्याशी उतारे हैं. इनमें बीजेपी के 5, शिवसेना के 2 और एनसीपी अजीत पवार गुट के 2 कैंडिडेट हैं. वहीं, इंडिया अलायंस ने 3 कैंडिडेट दिए हैं. इनमें कांग्रेस से 1, उद्धव ठाकरे गुट वाले शिवसेना से 1 कैंडिडेट है. शरद पवार गुट ने जयंत पाटिल को समर्थन दिया है. दोनों गुटों के पास विधायकों की कमी है, ऐसे में जोड़तोड़ होना तय है. इसलिए सबकी निगाह अजीत पवार गुट के विधायकों पर है.
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, लेकिन इस वक्त यह घटकर 274 रह गई है. जीतने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 23 प्रथम वरीयता वोटों की जरूरत होगी. बीजेपी के पास 111 विधायक हैं, जिसमें कई निर्दलीय भी हैं. उन्हें अपने पांच कैंडिडेट को जिताने के लिए कम से कम चार वोट और चाहिए. शिंंदे के पास 38 विधायक हैं, उन्हें 9 अन्य विधायकों का समर्थन है. अजीत पवार गुट की शिवसेना के पास 39 विधायक हैं, इसलिए उन्हें अपने दूसरे कैंडिडेट को जिताने के लिए कम से कम सात विधायकों के वोट और चाहिए. इससे साफ है कि एनडीए के पास वोटों की कमी है.
उद्धव ठाकरे, कांग्रेस और शरद पवार गुट में कांग्रेस के पास 37 सदस्य हैं. कांग्रेस ने सिर्फ एक कैंडिडेट दिए हैं, इसलिए उनके पास कुछ वोट बच जाएंगे. लेकिन कहा जा रहा है कि जीशान सिद्दीकी और सुलभा खोडके जैसे उसके विधायक पहले से ही एनसीपी के संपर्क में हैं. शिवसेना (यूबीटी) ने उद्धव ठाकरे के निजी सहायक मिलिंद नार्वेकर को मैदान में उतारा है. कहा जाता है कि नार्वेकर की वजह से ही शिंंदे गुट के विधायकों ने उद्धव ठाकरे से विद्रोह किया था. अब उद्धव ठाकरे की यहीं पर असली परीक्षा होगा.
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