उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) की सुरक्षा व्यवस्था (security system) आगामी 1 अप्रैल से बदलने वाली है। कुछ दिनों पूर्व खोले गए टेंडर (Tender) के बाद अब मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी महाराष्ट्र की क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेज प्रा. लि. (Crystal Integrated Services Pvt. Ltd.) को दे दी गई है। यह कंपनी 2 वर्षों तक महाकाल मंदिर और महाकाल लोक की सुरक्षा व्यवस्था को संभालने का काम करेगी, जिसके तहत लगभग 500 सुरक्षाकर्मी 24 घंटे तैनात किए जाएंगे। इससे पहले मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी केएसएस कंपनी के पास थी।
महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि एक माह से सुरक्षा कंपनी के ठेके के लिए 9 कंपनियों ने निविदा डाली थी। 7 कंपनियों को तकनीकी बीड में 100-100 अंक मिले, लेकिन निविदा में शर्त थी कि अगर स्कोर बराबर रहा तो बीते तीन वर्षों का टर्नओवर जिस कंपनी का सबसे ज्यादा होगा उसे मंदिर की सुरक्षा का ठेका मिलेगा। क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेज प्रालि का टर्नओवर सबसे ज्यादा 475 करोड़ था। इसी आधार पर ठेका उसे दे दिया गया। सोनी ने बताया कि महाराष्ट्र की क्रिस्टल कंपनी के पास मप्र का लायसेंस नहीं है। जिसे बनाने के लिए उन्हें एक कुछ समय दिया गया है।
महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सात कंपनियों को तकनीकी बीड में 100-100 अंक मिले। इनमें एंजिल, बालाजी, सीआईएस, फर्स्टमैन, रक्षा, सिंह इंटेलिजेंस और क्रिस्टल सिक्योरिटी एजेंसी शामिल है। बताया जाता है कि महाराष्ट्र की क्रिस्टल कंपनी के पास मुंबई मुनिसिपल कॉरपोरेशन, तुलजा भवानी मंदिर, एचडीएफसी बैंक, फिनिक्स मॉल, मुंबई एयरपोर्ट और मन्नत की सुरक्षा का जिम्मा भी है।
महाकाल लोक निर्माण के बाद भीड़ प्रबंधन को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में जरूर थोड़ी राहत पहुंची है, मगर बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों द्वारा भीड़ प्रबंधन को लेकर भी महत्वपूर्ण दायित्व निभाया जाता है। महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार, रविवार और सोमवार को लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर भी महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा हमेशा से उचित इंतजाम करने की कोशिश की गई है।
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