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    संघ के पूर्व प्रचारकों की पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानतें जब्त

  • December 06, 2023

    • नोटा से भी कम मिले वोट, संघ ने भी नहीं की कोई मदद, विधानसभा-१ से लेकर मालवा, निमाड़, ग्वालियर, चम्बल संभाग में उतारे थे १५ उम्मीदवार

    इंदौर। इस बार के विधानसभा चुनाव में अन्य किसी भी दल को जनता ने कोई तवज्जों नहीं दी और उनके प्रत्याशियों को पराजित होना पड़ा। यहां तक कि संघ के पूर्व प्रचारकों ने एक नई पार्टी बनाकर कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे मगर सभी की जमानतें जब्त हो गई। संघ के इन पूर्व प्रचारकों ने जनहित पार्टी का गठन किया, जिसे भारत हित रक्षा को समर्पित बताया इसमें पार्टी बनाने वाले अभय जैन जो कि खुद विधानसभा 1 से मैदान में उतरे उन्हें भी मात्र 395 वोट ही मिले, जबकि उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय को हराने का दावा किया था।

    हालांकि इस सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को भी श्री विजयवर्गीय के हाथों चुनाव हारना पड़ा, लेकिन संघ के इन पूर्व प्रचारकों की पार्टी और उम्मीदवारों को संघ से भी कोई मदद नहीं मिली, जबकि इस विधासभा चुनाव में संघ ने सभी 230 सीटों पर जमकर मेहनत की और परिणाम स्वरूप भाजपा को विराट जीत हासिल हुई। पूर्व संघ प्रचारकों की जनहित पार्टी ने जो 15 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। वे सभी बूरी तरह पराजित हुए, और उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले। इन सभी प्रत्याशियों को कुल 7511 वोट ही हासिल हो पाए। सिर्फ एक ही प्रत्याशी प्रदीप ठाकरे को एक हजार से अधिक यानी 1475 वोट प्राप्त हुए जबकि 1 प्रत्याशी दीप शिखा को मात्र 50 वोट ही मिले। वहीं अन्य एक प्रत्याशी मनीष काले को मात्र 165 तो गोपाल जायसवाल को 147, ददन प्रसाद मिश्रा को 268, मेहूल गरजे को 308, विजय दुबे 312, रामाधार वशिष्ट को 564, प्रकाश ऐकले को 475, रामाजी उइके को 636 और हरि सिंह को 870 और चंद्रशेखर बारोड़ को 787 वोट प्राप्त हुए। इस तरह इन पंद्रह प्रत्याशियों को 7511 कुल वोट हासिल हो सके। जबकि विधासनभा 1 से लेकर मालवा निमाड़ के अलावा ग्वालियर, चंबल में भी प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। चूकि पार्टी राजनीतिक दल के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है लिहाजा ये सभी प्रत्याशी निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े।

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