12 फरवरी से यानी की कल से शुरू हो रहे हैं माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Gupta Navratri) । इन नवरात्रि में तंत्र और मंत्र की साधना की जाती है और साथ ही मनोकामना पूर्ति के लिए गुप्त नवरात्र (Gupta Navratr) में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। आप तो जानते ही हैं कि नवरात्रि ( Navratri) का पर्व दो बार नहीं बल्कि साल में चार बार आता है। हालांकि चैत्र और शारदीय नवरात्रि को ज्यादा महत्व दिया जाता है। माघ मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि (Gupta Navratri) मनाई जाएगी। यह तिथि शुक्रवार 12 फरवरी को है। गुप्त नवरात्रि की तंत्र-मंत्र और साधना करने वाले लोगों में बहुत मान्यता है।
शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना का समय 12 फरवरी सुबह 08. 34 बजे से 09. 59 बजे तक का है। इस समयावधि कलश की स्थापना कर सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.13 बजे से 12.58 बजे तक का है। 21 फरवरी को रविवार के दिन गुप्त नवरात्रि का समापन होगा।
गुप्ता नवरात्रि का महत्व (Importance of Gupta Navratri)
क्या गुप्ता नवरात्रि (Gupta Navratri) का महत्व ? गुप्त नवरात्रि (Gupta Navratri) का विशेष महत्व बताया गया है। इसे तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली नवरात्रि माना गया है। मान्यता है कि इस नवरात्रि में की जाने वाली विशेष पूजा कई प्रकार के कष्टों को दूर होते हैं। ऐसा भी कहा जाता कि गुप्त नवरात्रि (Gupta Navratri) में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की जाती है।
इस नवरात्रि ( Navratri) में देवी भगवती के साधक व्रत के कठोर अनुशासन का पालन करते हैं और कठिन आराधना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन गलत कार्यों से दूर रहकर पूजा पूर्ण करनी चाहिए और किसी के अहित के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
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