पटना । बिहार में (In Bihar) दूसरे चरण का चुनाव (The second phase of Elections) नीतीश कुमार के लिए (For Nitish Kumar) अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा (Will be no less than Litmus Test) ।
बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का चुनाव मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं माना जा रहा है। पूर्वी बिहार और सीमांचल के किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में होने वाले चुनाव में एनडीए की ओर से जदयू के उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। इनकी जीत सुनिश्चचित करने के लिए जदयू के अध्यक्ष सहित अन्य नेता भी पूरा जोर लगा रहे हैं। इधर, महागठबन्धन भी इन सीटों को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है।
जदयू ने भागलपुर से निवर्तमान सांसद अजय कुमार मंडल, कटिहार से दुलाल गोस्वामी, पूर्णिया से संतोष कुशवाहा और बांका से गिरिधारी यादव को फिर से चुनावी अखाड़े में उतारा है। हालांकि मुस्लिम बहुल क्षेत्र किशनगंज से जदयू ने चेहरा बदल दिया है। पिछले चुनाव में किशनगंज एक मात्र ऐसी सीट थी, जहां एनडीए को हार का मुंह देखना पड़ा था। वहां कांग्रेस के प्रत्याशी मोहम्मद जावेद ने जदयू के महमूद अशरफ को पराजित किया था। जदयू ने इस चुनाव में किशनगंज से मुजाहिद आलम पर दांव लगाया है।
नीतीश की नजर इन सीटों पर लगी हुई है। नीतीश लगातार इन क्षेत्रो में दौरा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश के खास लोग इन क्षेत्रों में कैम्प कर रहे हैं। महागठबन्धन कि बात करें तो किशनगंज से कांग्रेस ने एक बार फिर मोहम्मद जावेद को चुनावी मैदान में उतारा है जबकि कटिहार से तारिक अनवर ताल ठोंक रहे हैं। भागलपुर भी कांग्रेस के कोटे में गयी है जहां से अजीत शर्मा अखाड़े में हैं।
बांका से राजद के जय प्रकाश यादव, जबकि पूर्णिया से राजद की बीमा भारती चुनावी मैदान में है। कांग्रेस के लिए ये सीटें कितना महत्व रखती हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भागलपुर में चुनावी रैली कर चुके हैं जबकि पार्टी अध्यक्ष मल्लिलार्जुन खड़गे कटिहार और किशनगंज में चुनावी सभा कर अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांग चुके हैं। बहरहाल, दोनों गठबंधनों के लिए दूसरे चरण का चुनाव काफी महत्वपूर्ण है अब देखना है कि किस गठबन्धन को जनता अपने सिर बैठाती है।
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