– एक-एक कर सभी मददगार अंदर, फिर भी नहीं मिला सवा लाख के इनामी का सुराग
इन्दौर। लगभग एक साल पहले क्राइम ब्रांच ने पिकनिक स्थल मेहंदी कुंड में प्रेमी की हत्या और प्रेमिका द्वारा आत्महत्या करने के मामले का खुलासा किया था। यह काम ईश्वर भील की गैंग ने किया था। पुलिस ने उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन ईश्वर भाग निकला था। पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम रखा था। उसने फरारी के दौरान गोवा में बीच पर एक युवती के संग साथियों सहित गैंगरेप किया था। वह पकड़ा भी गया था, पर अस्पताल से भाग निकला था। इस पर गोवा पुलिस ने भी उस पर 1 लाख का इनाम रखा था, लेकिन पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
इंदौर और गोवा पुलिस लगातार उसकी तलाश में लगी हुई है। पुलिस की टीम उसके ठिकानों पर भी पहुंची, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। इंदौर पुलिस के सूत्रों के अनुसार पुलिस ने उस पर दबाव बनाने के लिए उसके सभी रिश्तेदार और मददगारों को एक-एक कर किसी न किसी केस में अंदर भेज दिया, ताकि उसका कोई सुराग लग सके, लेकिन अब तक पुलिस उसे पकडऩे में असफल रही है। पुलिस को कुछ समय पूर्व सूचना मिली थी कि उसे टीबी है। इसके चलते अस्पतालों से भी जानकारी जुटाई गई, लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली। पुलिस का कहना है कि आरोपी ईश्वर भील मोबाइल का उपयोग भी नहीं करता है और कहीं भी रहकर मजदूरी तक कर लेता है। इसके चलते उसको पकडऩे में पुलिस को परेशानी आ रही है।
इंदौर पुलिस ने जताई थी भागने की आशंका
ईश्वर भील ने फरारी के दौरान गोवा में अपने दो साथियों के साथ बीच पर आई एक युवती के संग चाकू की नोक पर रेप किया था। गोवा पुलिस ने उसको पकड़ भी लिया था। उसके पकड़े जाने की सूचना के बाद इंदौर पुलिस ने गोवा पुलिस को सूचना दी थी कि वह पुलिस कस्टडी से भाग सकता है। इसके चलते इंदौर के प्रकरण में उसे नहीं लाया गया था। कहा गया था कि गोवा का केस जो फास्टट्रैक में चल रहा था, इसमें सजा होने के बाद ही उसे इंदौर लाया जाएगा, क्योंकि वह पेशी के दौरान भाग सकता है। हुआ भी यही, वह अस्पताल से भाग गया और अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
क्राइम ब्रांच की सूची में नंबर वन
सवा लाख का इनामी और जिसकी 2 राज्यों की पुलिस को तलाश हो, ऐसे बदमाश को क्राइम ब्रांच ने नंबर वन पर रख रखा है। इसके अलावा बॉबी छाबड़ा, जीतू सोनी, चंपू, डागरिया सहित कई नामी शामिल थे। इसमें से ज्यादातर पकड़े गए, लेकिन ईश्वर पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र घटना के दौरान इंदौर में पदस्थ थे। उनका ट्रांसफर हो गया था और वह वापस भी इंदौर आ गए, लेकिन ईश्वर नहीं मिला।
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