भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की वजह से अनाथ (Orphan) होने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) कोविड (Covid)-19 बाल कल्याण योजना (Child Welfare Scheme) लागू हो गई है। इस योजना में अभी तक 1 मार्च 2021 के बाद अनाथ (Orphan) होने वाले करीब 250 बच्चों को ही लाभ मिला है। जबकि मार्च से पहले कोरोना (Corona) से अनाथ (Orphan) होने वाले बच्चों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। ऐसे में सरकार अन्य अनाथ (Orphan) बच्चों को भी लाभ देने के लिए योजना का दायरा बढ़ाने पर विचार करने जा रही है।
महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) के एक सर्वे के अनुसार प्रदेश में 1 मार्च, 2021 से पहले कोरोना (Corona) के कारण लगभग 1,000 बच्चे अनाथ हुए हैं। वहां ऐसे बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम (Sponsorship Scheme) और फास्टर केयर योजना (Faster Care Plan) के तहत एक साल तक 2000 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है। जबकि 1 मार्च 2021 के बाद अनाथ (Orphan) होने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने ऐसे बच्चों के लिए तत्काल बाल कल्याण योजना (Child Welfare Scheme) लागू कर दी है। इस योजना में अभी तक 1 मार्च 2021 के बाद अनाथ होने वाले 250 बच्चों के आवदेन आ चुके हैं। इनमें से करीब 178 बच्चों को मुख्यमंत्री 5-5 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन की शुरूआत कर चुके हैं। जबकि 1 मार्च 2021 से पहले अनाथ (Orphan) होने वाले बच्चों के लिए सरकार 2-2 हजार रुपए ही देती है। इन बच्चों को बाल कल्याण योजना (child welfare scheme) का लाभ नहीं मिल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार मप्र में इसी साल 712 बच्चे कोरोना (Corona) से अनाथ हो गए हैं।
शासन के पास पहुंचा मामला
कोरोना से अनाथ होने वाले बच्चों को सरकारी सुविधा मिलने में आ रही विसंगति का मामला सरकार तक पहुंच गया है। मंत्रालय सूत्र बताते हैं कि जल्द ही इस मामले में निर्णय लिया जाएगा। संभवत: कोविड ्19 बाल कल्याण योजना का दायरा बढ़ाया जा सकता है। इसमें पिछले साल अनाथ होने वाले बच्चों को भी शामिल किया जा सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved