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शिव का राज ही रहेगा कायम, असंतुष्टों ने भी मानी मैदानी हकीकत

June 08, 2021

कोरोना से जंग के तरीकों से केन्द्रीय नेतृत्व भी खुश… छवि सुधारने के लिए मुंबई के विशेषज्ञ को भी सौंपी जिम्मेदारी
इंदौर, राजेश ज्वेल।  सोशल मीडिया (social media)  पर राजनीतिक उठापटक की खबरें बीते 3-4 दिनों से चल रही है। उत्तरप्रेदश (Uttar Pradesh) से लेकर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को हालांकि असंतुष्ट बताए जा रहे खेमे की ओर से ही निराधार बताया गया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra)  ने दो टूक कहा कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर इस तरह की खबरें चलती रहती हैं, जिसका वॉइस चांसलर बनने के लिए किसी तरह की योग्यता जरूरी नहीं है और फेक न्यूज और भ्रामक समाचार ही अधिक प्रसारित किए जाते हैं। इसी तरह भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने शिवराज के नेतृत्व में सरकार चलती रहने का दावा मीडिया से चर्चा के दौरान किया। कुल मिलाकर मध्यप्रदेश में शिव का राज ही फिलहाल कायम रहेगा, क्योंकि कोरोना से जंग लडऩे के तरीके से केन्द्रीय नेतृत्व भी खुश बताया जाता है।


14 महीने से अधिक का कार्यकाल मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan)  का हो चुका है। हालांकि पूर्व में भी वे 13 साल से अधिक समय तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और सिर्फ 15 महीने के लिए ही जब प्रदेश में कांग्रेस का राज आया तब उन्हेंं पद से हटना पड़ा। गत वर्ष भी जब कोरोना का हमला देश-प्रदेश में हुआ और 24 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लगाया, उसके ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan)  ने शपथ ली। उसके बाद अधिकांश समय कोरोना संक्रमण से लडऩे में ही बीत गया। 3-4 महीने का समय ही अन्य गतिविधियों को मिला, उसमें भी माफियाओं के खिलाफ सख्त अभियान चलाया, जिसका आम जनता ने स्वागत भी किया। अभी जब अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर ने हमला बोला, तब सख्ती से प्रदेशभर में कफ्र्यू-लॉकडाउन लगवाया और 31 मई तक बड़े शहरों के कलेक्टरों को भी लक्ष्य दिए थे कि 5 फीसदी तक संक्रमण दर लाएं। यही कारण है कि इंदौर जैसा महानगर और औद्योगिक गतिविधियों में भी संक्रमण दर अब 2 फीसदी से भी कम रह गई है। वार्ड स्तर तक आपदा प्रबंधन कमेटियों को बनाकर जो जनभागीदारी वाला मॉडल खड़ा किया, उसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पिछले दिनों वीडियो कान्फ्रेंस में की। टेस्टिंग, ट्रैसिंग और ट्रीटमेंट पर भी पूरे मध्यप्रदेश में अमल करवाया जा रहा है, जिसके चलते कोरोना संक्रमण पर तेजी से काबू भी पाया गया और पूरे प्रदेश के अधिकांश जिले कोरोना संक्रमण चपेट से बाहर भी हो चुके हैं। बीते हफ्तेभर से सोशल मीडिया पर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री को बदला जा रहा है। दरअसल कुछ भाजपा के शीर्ष नेताओं की आपसी मुलाकातों को इस तरह का रंग दिया गया। नेताओं ने भोपाल तो कुछ ने दिल्ली में भी मुलाकातें की, जिसके चलते मीडिया के एक तबके ने हल्ला मचाना शुरू किया कि मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन किया जा रहा है। उसके बाद गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) को आगे आकर सफाई देना पड़ी और उन्होंने भी कहा कि नेतृत्व परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं उठता। शिवराजसिंह चौहान मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने व्हाट्सएप पर चल रही खबरों को भी फर्जी बताया। इसी तरह से भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में ही राज चलेगा। दरअसल विजयवर्गीय को भी असंतुष्ट खेमे का ही बताया जाता रहा है और पिछले दिनों इंदौर के लॉकडाउन और प्रतिबंधों को लेकर उन्होंने एक तीखा ट्वीट भी किया था जो चर्चा में रहा। यही कारण है कि असंतुष्टों के साथ उन्हें भी शामिल किया जाता रहा है। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली जाकर केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल सहित अन्य नेताओं से चर्चा की थी और भोपाल में नरोत्तम मिश्रा सहित अन्य से मुलाकात की और उसके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए।

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