उज्जैन। हर वर्ष निकलने वाली राजाधिराज महाकाल की शाही सवारी में देशभर के लोग आते हैं तो भारी भीड़ उमड़ती है लेकिन इस बार जैसी अन्य सवारियाँ निकली हैं, उसी तरह बिना तामझाम के शाही सवारी निकलेगी और उसका रूट भी नृसिंहघाट तथा हरसिद्धि मंदिर वाला ही रहेगा।
लॉकडाऊन खुलने के बाद 8 जून से महाकाल मंदिर खोल दिया गया था तथा श्रावण मास की चार सवारियाँ परिवर्तित मार्ग से ही निकलीं। बड़ा गणेश, नृसिंहघाट, रामघाट होते हुए सवारी रामानुजकोट और हरसिद्धि से होती हुई सवारी वापस मंदिर पहुंच जाती है एवं आम दर्शनार्थियों को सवारी देखने की अनुमति नहीं रहती। देशभर के महाकाल भक्तों को यह आस जगी थी कि कोरोना का असर कम होगा और शाही सवारी जो कि 17 अगस्त को निकलेगी उसके दर्शन हो जाएंगे लेकिन अभी भी लॉकडाऊन चल रहा है तथा ट्रेनें, बस एवं परिवहन के साधन बंद पड़े हुए हैं एवं केन्द्र सरकार की एडवायजरी के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरुरी है। पालन नहीं करने वालों पर जुर्माने हो रहे हैं। इसी प्रकार उज्जैन में मास्क नहीं पहनने वालों को अस्थाई जेल में रखा जा रहा है। यही कारण है कि 17 अगस्त को निकलने वाली शाही सवारी में आम लोगों की उपस्थिति प्रतिबंधित रहेगी तथा परिवर्तित मार्ग से ही शाही सवारी निकलेगी और ऑनलाईन ही बाबा के दर्शन होंगे। उल्लेखनीय यह भी है कि वर्ष में एक बार निकलने वाली शाही सवारी में आशीर्वाद लेने के लिए मध्यप्रदेश के अलावा इंदौर से हजारों लोग उज्जैन आते थे तथा यहाँ की सडक़ों पर कारों की लंबी कतार लग जाती थी लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा। अभी रविवार का पूर्ण लॉकडाऊन उज्जैन, इंदौर में भी चल रहा है और अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि भादौ मास की दूसरी सवारी परिवर्तित मार्ग से ही छोटे रूप में निकलेगी।
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