केन्द्र से लेना पड़ेगी अनुमति, तकनीकी कारणों से ही दोबारा बुलवाए टेंडर में भी रूट रखा यथावत, २३ अप्रैल को खुलेंगे २५५० करोड़ के टेंडर
इंदौर। अच्छे-भले चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) में रोड़े डालने के प्रयास कतिपय तत्वों द्वारा किए जाते रहे हैं। अभी पिछले दिनों विभागीय मंत्री को बकायदा इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें अंडरग्राउंड कॉरिडोर का रूट बदलने की मांग की गई। जबकि मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Madhya Pradesh Metro Rail Corporation) द्वारा जो रुट (Root) तय किया गया उसके मुताबिक ही टेंडर बुलवाए गए, जो कि एडीबी की शर्तों में कुछ तकनीकी त्रुटि के चलते फिर से आमंत्रित करना पड़े। मगर उसमें भी पूर्व के रुट को ही यथावत रखा गया है। अगले महीने 23 अप्रैल को 2550 करोड़ रुपए के ये टेंडर नए सिरे से खुलेंगे। दरअसल केन्द्र सरकार ही रुट बदलने या अन्य बड़े परिवर्तन के निर्णय की मंजूरी दे सकती है।
इंदौर और भोपाल के मेट्रो प्रोजेक्ट को भी केन्द्र की मोदी सरकार ने अनुमति दी है और उसमें अब शासन स्तर पर कोई बड़ा फेरबदल नहीं हो सकता, जब तक कि केन्द्र से उसकी मंजूरी न मिले और यह लेना आसान भी नहीं है। बावजूद इसके पिछले दिनों एमजी रोड से राजवाड़ा, बड़ा गणपति होते हुए एयरपोर्ट तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनेगा, जिसके रुट परिवर्तन की मांग की गई, जिसमें बंगाली चौराहा से पिपल्याहाना चौराहा और वहां से कृषि महाविद्यालय से उसे अंडरग्राउंड करते हुए शिवाजी वाटिका, एमवाय और उसके आगे सरवटे, रेलवे स्टेशन सहित आगे ले जाने की मांग की गई। इस ज्ञापन को देने वाले कतिपय बुद्धिजीवी वे ही हैं जो आए दिन हर मुद्दे पर अपनी जबरिया राय थोपने का प्रयास करते हैं। जब मेट्रो का एलिवेटेड और अंडरग्राउंड कॉरिडोर के रुट को तय किया गया उस वक्त ये कतिपय सलाहकार सोये रहे और जब प्रोजेक्ट के मैदानी अमल की बारी आई औरटेंडर तक हो चुके उसके बाद नींद से जागे और नए सिरे से फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने और रुट बदलने सहित अन्य अव्यवहारिक मांगें शुरू कर दी। हालांकि मेट्रो कॉर्पोरेशन ने ना तो एलिवेटेड और ना ही अंडरग्राउंड कॉरिडोर का रुट बदलने का निर्णय लिया। बल्कि पिछले दिनों जो पैकेज-5 के तहत अंडरग्राउंड कॉरिडोर के टेंडर मंजूर हो गए थे उसे निरस्त कर दोबारा सिर्फ इसलिए बुलाना पड़े, क्योंकि एडीबी की कुछ शर्तों का समावेश उसमें नहीं हो पा रहा था। 8.626 किलोमीटर अंडरग्राउंड कॉरिडोर में लम्बी ट्वीन टनल के साथ 7 अत्याधुनिक स्टेशनों का निर्माण भी होगा। अब 22 अप्रैल को 4 बजे तक ऑनलाइन कम्पनियां टेंडर डॉक्यूमेंट हासिल कर सकेंगी और फिर 23 अप्रैल को साढ़े 4 बजे तकनीकी निविदा के टेंडर खुलेंगे। इस कार्य की अनुमानित लागत कॉर्पोरेशन ने 2550 करोड़ रुपए आंकी है। उल्लेखनीय है कि मेट्रो का जो इंदौर में पहला चरण अभी अमल में लाया जा रहा है उसकी कुल लम्बाई साढ़े 32 किलोमीटर है, जो कि एयरपोर्ट से शुरू होकर गांधी नगर, सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, विजय नगर, रेडिसन से रोबोट चौराहा तक और फिर वहां से बंगाली चौराहा, पलासिया, एमजी रोड तक एलिवेटेड और फिर वहां से राजवाड़ा होते हुए एयरपोर्ट तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनना है। एलिवेटेड कॉरिडोर का काम अभी तेज गति से चल रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved