न्यूयॉर्क। दुनिया के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक एफटीएक्स ने शुक्रवार को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया था। लोग इस झटके से उबरे भी नहीं थे कि ग्राहकों के 100 करोड़ डॉलर या करीब 8054 करोड़ रुपये एक्सचेंज से गायब होने का खुलासा हुआ। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एक्सचेंज के संस्थापक सैम बैंकमेन ने बिना किसी को बताए एफटीएक्स से यह रकम अपनी ट्रेडिंग कंपनी अलामेडा रिसर्च में भेज दी। वहीं, अब इस मामले की जांच में भारतीय मूल के निषाद सिंह का नाम सामने आ रहा है। बता दें कि एफटीएक्स एक्सचेंज के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्रायड के नौ विशेष सहयोगियों में निषाद सिंह का नाम भी शामिल है।
एफटीएक्स एक्सचेंज का अचानक से दिवालिया हो जाना आसानी से पच नहीं रहा है। कहा जा रहा है कि सैम बैंकमेन ने बिना किसी को बताए एफटीएक्स से यह रकम अपनी ट्रेडिंग कंपनी अलामेडा रिसर्च में भेज दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कुल राशि के ट्रांसफर के बाद से ही ग्राहकों के फंड एक बड़ा हिस्सा गायब है। इस पूरे मामले में एक्सचेंज के सीईओ के साथ ही नौ अन्य लोगों का नाम भी संदेह के घेरे में है। इनमें से एक नाम भारतीय मूल के निषाद सिंह का भी है। उनके बारे में रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वे एफटीएक्स एक्सचेंज के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्रायड को क्रिप्टो मामलों में फैसले लेने में मदद किया करते थे। एफटीएक्स एक्सचेंज से पहले वे फेसबुक के लिए भी काम करते थे।
फेसबुक में किया था काम
रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि निषाद सिंह दिसंबर 2017 में एफटीएक्स की सहयोगी संस्था अल्मेडा रिसर्च में शामिल हुए थे। जो इस पूरे विवाद के केंद्र में है। इससे पहले, उन्होंने करीब पांच महीने तक फेसबुक में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया। निषाद की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, फेसबुक में वे मशीन लर्निंग पर काम कर रहे थे। अल्मेडा रिसर्च सेंटर में वह 17 महीनों के लिए इंजीनियरिंग के निदेशक थे। फिर वह अप्रैल 2019 में क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स में चले गए इसके बाद से वह उसी में शीर्ष इंजीनियरिंग के पद पर काबिज हैं।
सैम बैंकमैन-फ्राइड के बेहद करीबियों में हैं शामिल
निषाद सिंह के बारे में बताया जा रहा है कि वे एफटीएक्स के संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्राइड के बेहद करीबियों में शामिल थे। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एफटीएक्स एक्सचेंज के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी गैरी वांग, निषाद और सैम कोड, एक्सचेंज के मिलान इंजन और फंड को नियंत्रित करते हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक, फंड गायब होने का पता पिछले रविवार को बैंकमेन-फ्राइड के दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शेयर किए गए रिकॉर्ड्स से चला। दावा किया जा रहा है कि इन रिकॉर्ड्स से वर्तमान तक की स्थिति का पता चल गया है। रिपोर्ट की जानकारी एफटीएक्स में वरिष्ठ पदों पर काम करने वाले लोगों ने दी है, जो इस हफ्ते तक एक्सचेंज में काम कर रहे थे। उन्होंने बताया है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति पर उन्हें जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी है।
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