भोपाल। विधानसभा चुनाव के पहले शहरी क्षेत्र की सड़कों के सुधार को लेकर सरकार इतनी सतर्क है कि टेंडर की शर्तों में बदलाव के साथ-साथ नगरीय निकायों को राशि का आवंटन भी कर दिया। ताकि वह अगले 15 दिन में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर लें। साथ ही इसी माह सड़कों के काम चालू करने के लिए वर्क आर्डर जारी कर सकें। बता दें कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में चुनाव आचार संहिता लगना तय है। इसलिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों में सड़कों के उन्नयन और पुल, पुलिया संबंधी अन्य कार्य तेजी से शुरू किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि आचार संहिता लागू होने के पहले शुरू होने वाले काम अनवरत चलते रहेंगे। इसलिए सड़कों के मेंटनेंस का काम 5 अक्टूबर से पहले शुरू कर दिया जाए।
सबसे ज्यादा राशि नगर निगमों को
नगरीय विकास और आवास विभाग ने कायाकल्प योजना 2.0 के अंतर्गत प्रदेश के 16 नगर निगमों में सड़कों के उन्नयन और निर्माण पर खर्च होने वाली राशि का आवंटन कर दिया है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर नगर निगमों के लिए सबसे अधिक 18-18 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इसके अलावा उज्जैन, देवास, मुरैना, सतना, सागर, रतलाम, रीवा, कटनी, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर और खंडवा नगर निगम के लिए पांच-पांच करोड़ रुपए खर्च करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। नगर निगम कमिश्नर, नगर पालिका और नगर परिषद सीएमओ को जारी निर्देश में कहा गया है कि यह सभी काम करने के दौरान पुल-पुलिया, ड्रेनेज, डिवाइडर और सेंट्रल लाइटिंग आदि का काम भी शामिल रहेगा। कायाकल्प योजना 2.0 के प्रस्तावों और सिटी रोड एक्शन प्लान का मेयर इन काउंसिल और प्रेसिडेंट एंड काउंसिल से अनुमोदन प्राप्त कर संभागीय अधीक्षण यंत्री की अनुशंसा के साथ शासन को जानकारी देना होगा। पात्रता से अधिक राशि परियोजना में खर्च होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था नगर निगमों, नगर पालिका, नगर परिषदों को खुद करनी पड़ेगी। इन सब कामों की जांच राज्य शासन द्वारा अर्बन स्टेट क्वॉलिटी मॉनिटर्स के माध्यम से कराई जाएगी।
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