भोपाल। मप्र भाजपा एक विशेष बैठक हो रही है। मिशन 2023 के लिए यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है। इस बैठक में प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पांचवीं बार सरकार बनाने के रोडमैप पर चर्चा हो रही। इसलिए बैठक में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, सभी मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष, प्रकोष्ठों के प्रदेश संयोजक, पार्टी के जिला अध्यक्ष तथा जिला प्रभारी शामिल हुए हैं। इस बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव , मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं संगठन महामंत्री हितानंद पदाधिकारियों को चुनावी मंत्र दिया। दरअसल, 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 51 फीसदी वोट को टारगेट रखा है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए पार्टी टॉप टू बॉटम जुटना चाहती है। बैठक में नगरीय निकाय चुनाव परिणामों पर चर्चा के साथ अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के रोडमैप को तैयार किया जाएगा। एक दिवसीय कार्यसमिति की बैठक के बाद संगठन के आला नेताओं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैठेंगे। इस बैठक में संगठन में चुनावी दृष्टिकोण से दायित्व बदलने और कुछ नेताओं को नए दायित्व देने पर चर्चा होगी। इसमें पार्टी के प्रशिक्षण वर्ग और प्रदेश कार्यसमिति की तारीख तय होगी। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश के निर्देशों पर विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर गाइडलाइन बनी है।
बूथ नेटवर्क और मजबूत करने पर फोकस
भाजपा का बूथ नेटवर्क काफी मजबूत हो चुका है, फिर भी पार्टी की कोशिश है की नेटवर्क को और मजबूत किया जाए। दरअसल, मप्र भाजपा ने निकाय चुनाव के कुछ अर्से पहले ही संभाग, जिला और बूथ स्तर पर नेटवर्क को बढ़ाया था। पार्टी की जिला समितियां, मोर्चे-विभाग और अन्य विंगों की राज्य, संभाग व जिलों की समितियां भी निकाय चुनाव के कुछ अर्से पूर्व ही घोषित की गई थी। इसके अलावा बूथ विस्तार अभियान के तहत चुनाव के कुछ समय पूर्व ही नई टीम गठित की गई थी। लेकिन, इस चुनाव में जिलों से लेकर बूथ तक अनेक नेताओं के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। बूथ स्तर पर भी टीमों को लेकर संगठन संतुष्ट नहीं है। इस कारण पूरे प्रदेश की पूरी स्थिति को जांचकर ही अब आगे कदम उठेंगे।
51 फीसदी वोट का टारगेट
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार और संगठन का जोर अब असंतुष्ट नेताओं व कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने पर है। दरअसल, 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 51 फीसदी वोट को टारगेट रखा है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए पार्टी टॉप टू बॉटम जुटना चाहती है। इसलिए पार्टी की कोशिश है कि नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी और मनमुटाव को हर हाल में दूर किया जाए। पार्टी की ओर से साफ संदेश दिया गया है कि पुरानी बातें भूलकर सभी को एकजुट होकर मिशन 2023 के लिए जुटना होगा। अपनी ही सरकार में तवज्जो न मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं को भी संतुष्ट करने की रणनीति बनाई गई है। नेताओं व कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए नौकरशाही की मनमानी पर भी अंकुश लगाया जाएगा।
मंत्री संभालेंगे मैदानी मोर्चा
भाजपा ने चुनाव से पहले धरातल पर किसी भी प्रकार की संवादहीनता, विवाद या मनमुटाव को समाप्त करने कर सभी प्रमुख व प्रभावशाली नेताओं को एक सूत्र में पिरोने की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से मंत्री समूह के दो-दो सदस्य सभी जिलों में हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाने पहुंचेंगे। इसके साथ ही मौके पर ही समस्याओं का समाधान भी करेंगे। सत्ता-संगठन की ओर से इन मंत्रियों को भी कार्यकर्ताओं की खैर-खबर लेने और उन्हें खुश रखने को कहा गया है।
बड़े वोट बैंक को महत्व
पार्टी की लाइन अब सीधे तौर पर विधानसभा चुनाव 2023 का मिशन है। इसके लिए पार्टी ने दलित, आदिवासी और ओबीसी वोटबैंक को प्राथमिकता पर रखना तय किया है। इसके तहत इनके प्रभाव वाले इलाकों को लेकर अलग से पूरी स्कू्रटनी होगी। इन वोटबैंक के हिसाब से भी टीमों तैयार किया जाएगा। इनके मुद्दों को लेकर काम होगा। भाजपा के बूथ विस्तारीकरण में भी इस पर फोकस किया गया है। वहीं पार्टी अपने सांसद से जल्द ही इस बात की जानकारी लेगी कि उनके संसदीय क्षेत्र में केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार की योजनाओं का कितने प्रतिशत क्रियान्वय हो रहा है। अगर कहीं कमी है तो उसे दूर करने के लिए सांसद द्वारा क्या किया गया है।
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