इंदौर। नगर निगम के अफसरों की लापरवाही हद तक जारी है और कई जगह ऐसे प्रयोग किए जा रहे हैं, जहां का असर सीधे खजाने पर पड़ रहा है। ऐसे ही एक उदाहरणण मच्छी बाजार चौराहे के कोने पर दो साल पहले बनाए गए सुविधा घर का है। सात लाख रुपए की राशि कर सुविधा घर बनाया गया था और दो साल में ही उसे सडक़ के कारण फिर ढहा दिया गया। जब इसका निर्माण किया जा रहा था तो कुछ निगमकर्मियों और रहवासियों ने ही सरवटे टू गंगवाल सडक़ का हवाला दिया था। नगर निगम के अफसरों के कारण कई जगह प्रोजेक्ट पिछड़ रहे हैं और कई जगह नई बनी हुई सडक़ें ड्रेनेज और नर्मदा लाइनों के लिए बनने के बाद खोदी जा रही है, जिसका कई क्षेत्रों में विरोध भी होता है। जिन क्षेत्रों में सडक़ निर्माण होता है, वहां अफसर पहले ही योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं करते और बाद में नई सडक़ों पर प्रयोग शुरु हो जाते हैं।
सरवटे टू गंगवाल सडक़ दस सालों से आधी अधूरी ही है, कई जगह सडक़ निर्माण कार्य हुए हैं वहीं कई जगह आधे अधूरे पड़े हैं। इसके कारण लोग भी परेशान हैं। चंद्रभागा, रावजी बाजार और मच्छी बाजार क्षेत्र के साथ-साथ गौतमपुरा और पंढरीनाथ में काम होना बाकी है। अब मच्छी बाजार चौराहे पर सडक़ के हिस्से के लिए फिर से काम शुरू किया गया है। नदी के छोर वाले हिस्से में रिवर फ्रंट डेवलमेंट के काम चल रहा है और इसी के चलते 2 साल पहले वहां 7 लाख खर्च कर बनाया गया सुविधा घर तोड़ दिया गया है। यह उस इलाके का एक मात्र सुविधा घर था। जब इसे बनाया जा रहा था, तब भी झोन पर कार्यरत कई कर्मचारियों ने अफसरों को बताया था कि वहां सरवटे टू गंगवाल का हिस्सा का है और भविष्य में सडक़ बनेगी तो फिर इसे तोडऩा पड़ेगा, मगर अफसर नहीं माने। निगम का खजाना वैसे ही खाली है और अफसरों को ऐसे कौतुक भरे प्रयोग फिर से आर्थिक हालत और खस्ता कर रहे हैं। अब नए सिरे से सुविधा घर के लिए जगह ढूंढी जा रही है, ताकि वहां नया सुविधा घर बनाया जा सके।
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