• img-fluid

    उच्च महंगाई में गिरावट से कम होगा अर्थव्यवस्था पर जोखिम, भू-राजनीतिक संकट बड़ा खतरा

  • August 25, 2022


    नई दिल्ली। कोरोना महामारी के झटकों से उबरकर तेजी से वृद्धि की राह पर आगे बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भू-राजनीतिक संकट का बढ़ना सबसे बड़ा जोखिम है। खासकर तब, जब यह तनाव या संकट एशियाई क्षेत्र में फैलता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPS) के सदस्य जयंत आर वर्मा ने बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि उच्च महंगाई निश्चित रूप से भारत में आदर्श या मानक नहीं बनेगी।

    आखिरकार महंगाई एवं इसके बढ़ने को लेकर जो आशंकाएं थीं, वह भी भारत और विश्व स्तर पर कम होती दिखाई दे रही हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख बाधाओं में एक को कम करेगा। उन्होंने कई कारणों का हवाला देते हुए घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर सतर्कता के साथ सकरात्मक उम्मीद जताई।

    निकल गया मुश्किल समय
    वर्मा ने कहा, मौद्रिक नीति समिति जितनी जल्द हो सके, महंगाई दर को चार फीसदी के लक्ष्य के करीब लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कई तिमाहियों तक महंगाई दर लक्ष्य से ऊपर बनी रहेगी, लेकिन सबसे मुश्किल समय निकल गया है, बशर्ते विश्व को एक और अप्रत्याशित झटके का सामना न करना पड़े।


    निर्यात के मोर्चे पर लग सकता है झटका
    एमपीसी के सदस्य ने कहा, महामारी के बाद खपत-मांग में सुधार हो रहा है। हालांकि, सभी क्षेत्रों और उद्योगों में सुधार की रफ्तार समान नहीं है। उन्होंने कहा, क्षमता का इस्तेमाल बढ़ रहा है। अब यह उस स्तर पर पहुंच रही है, जिस पर व्यवसाय को विस्तार के लिए पूंजीगत खर्च पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर वर्तमान स्थिति में देश का निर्यात उतना उत्साहजनक नहीं होगा, जितना पहले था।

    संपत्ति-देनदारी असंतुलन से जोखिम के दबाव में बैंकिंग क्षेत्र: प्रणव सेन
    अर्थशास्त्री प्रणव सेन ने कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र संपत्ति-देनदारी असंतुलन के भारी जोखिम का सामना कर रहा है। पर हालात बेकाबू नहीं हुए हैं क्योंकि ज्यादातर बैंक सरकारी हैं। जोखिम से निपटने के लिए उद्योग को नियंत्रित करने वाले कानून के पुनर्मूल्यांकन की जरूरत है।

    सांख्यिकीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, भारतीय बैंकों ने ब्रिटिश मॉडल अपनाया है और कानून बैंकों को पूंजी बाजार से उधार की अनुमति नहीं देते हैं। इस तरह उनके लिए अनिवार्य रूप से धन का एकमात्र स्रोत जमाएं ही हैं। इस समय कार्यशील पूंजी वित्त घटकर करीब 35 फीसदी रह गया है।

    Share:

    अब ये रिश्ता क्या कहलाता है? PM मोदी से मंच पर मनीष तिवारी ने मिलाया हाथ

    Thu Aug 25 , 2022
    चंडीगढ़ । पंजाब के मोहाली में गत दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) एक कार्यक्रम में एक ही मंच पर नजर आए और एक दूसरे ने हाथ भी मिलाया जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल उठने लगे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved