आज के समय में बुखार या सर्दी-जुकाम लोगों के होश उड़ाने के लिए काफी है। कोरोना काल में हर कोई इन परेशानियों से बचा रहना चाहता है। झुलसाती गर्मी के बाद जब बरसात का मौसम आता है तो लोगों को राहत मिलती है। लेकिन इस मौसम में बैक्टीरिया जनित बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
बरसात(rain) में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाने से, मच्छर, हवा में नमी की वजह से, गंदगी आदि के बढ़ जाने से आमतौर पर भी बीमारियों का खतरा होता है। साथ ही, बारिश में कीटाणु और बैक्टीरिया की अधिकता से भी स्वास्थ्य प्रभावित होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि बरसात के मौसम में किन बीमारियों (diseases) का खतरा ज्यादा होता है और कैसे इनसे बचा जा सकता है।
मलेरिया:
मलेरिया (Malaria) को दुनिया भर में सबसे संक्रामक और जानलेवा बीमारी माना जाता है। मादा एनिफिलीज मच्छर के काटने से ये रोग हो सकता है। इससे ग्रस्त मरीज को तेज ठंड लगती है और शरीर का तापमान 101 से 105 डिग्री फॉरेनहाइट तक बना रहता है। इसके अलावा, लिवर (liver) का बढ़ना, सांस लेने में दिक्कत, सिर दर्द, पेट दर्द, उल्टी, चक्कर, दस्त, एनीमिया, थरथराहट जैसे लक्षण भी मलेरिया के होते हैं। माना जाता है कि इस तरह के मच्छर जलजमाव से पैदा होते हैं, ऐसे में आसपास पानी नहीं इकट्ठा होने दें। साथ ही, साफ-सफाई का भी ध्यान रखें।
डेंगू:
बारिश में डेंगू (Dengue) के मच्छर बढ़ जाते हैं जो लोगों को बीमार बना सकते हैं। इस बीमारी में पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है। बुखार (fever) के साथ लोगों को कंपकंपाहट यानी कि ठंड लगने की शिकायत हो सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक मच्छर काटने के करीब 3 से 14 दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देते हैं। डेंगू बुखार एडिस नामक मच्छर के काटने से फैलता है जो साफ पानी में पनपता है। ऐसे में ध्यान रखें कि और आस-पास पानी जमा ना होने दें। पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनें, कचरे के डिब्बें को हमेशा ढ़क कर रखें।
चिकनगुनिया:
यैलो फीवर:
पीला बुखार (yellow fever) या फिर यैलो फीवर भी मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। ये एक संक्रामक रोग है जो ईडीस ईजिप्टी (स्टीगोमिया फेसियाटा) जाति के मच्छरों के काटने से होता है। इससे संक्रमित मरीजों (infected patients) में पीलिया जैसे लक्षण दिखते हैं, साथ ही लिवर से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
टाइफाइड:
बरसात के दिनों में जिस बीमारी से पीड़ित होने का खतरा सबसे अधिक होता है वो टाइफाइड है। गंदे पानी और दूषित भोजन के सेवन से इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। तेज बुखार आना और बने रहना, पेट दर्द, सिर दर्द, बदन दर्द और पेट खराब जैसे लक्षण इस बीमारी के होते हैं। साफ-सफाई का ध्यान रखकर और पानी उबालकर पीने से इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य सूचना उद्देश्य के लिए है इन्हें किसी चिकित्सक के रूप में न समझें। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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