नई दिल्ली। कोरोना के नए मामले हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद से गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है, जबकि शुरुआती लक्षण मिलने पर मरीजों को अब घर में ही क्वारंटाइन की सलाह दी जा रही है। ऐसे में अगर घर पर कोई कोरोना मरीज मौजूद है तो परिवार के अन्य सदस्यों में भी कोरोना का खतरा बढ़ गया है। कोरोना पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि घर पर रह रहे कोरोना मरीज अगर किसी से बात करते हैं, गाना गाते हैं या फिर तेज सांस लेते हैं तो भी परिवार के अन्य सदस्यों में कोरोना का खतरा बढ़ जाता है भले ही वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन क्यों न कर रहे हों।
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की नई गाइडलाइंस के मुताबिक कोरोना वायरस हवा में तैर रहे वायरस के छोटे कणों से भी फैल सकता है। इस तरह से वायरस फैलने की वजह खराब वेंटिलेशन है। यही कारण है कि कई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना से बचने के लिए घर से ज्यादा अच्छा बाहर का वातावरण है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब इसका पता चल चुका है कि मुंह से निकले छोटे ड्रॉपलेट्स और कण दूसरों को संक्रमित कर रहे हैं, ऐसे में घर का खराब वेंटिलेशन वायरस को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है।
रात में कमरे की खिड़कियां थोड़ी खोलकर सोएं
वैज्ञानिकों का कहना है कि रात में सोते वक्त खिड़कियों को थोड़ा सा खोलकर सोना फायदेमंद हो सकता है। इससे रात भर में कमरे के अंदर की हवा की क्वालिटी में सुधार होगा और नमी कम हो जाएगी। गर्मियों में ये तरीका ह्यूमिडिटी को कम करेगा लेकिन सर्दियों में इस उपाय को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।
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