मुंबई. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में खराब प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) की बीजेपी-शिवसेना और एनसीपी (BJP-Shiv Sena and NCP) की महायुति गठबंधन (Mahayuti alliance) में अब रार (rift) बढ़ती दिख रही है. बीजेपी के गठबंधन सहयोगी शिवसेना के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ही अब उसे ताने मारने लगे हैं. वह राज्य में सत्ताधारी गठबंधन के खराब प्रदर्शन के लिए बीजेपी के 400 पार के नारे (slogan) को जिम्मेदार बताने लगे हैं.
एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के ‘400 पार’ वाले पर तंज कसते हुए कहा, ‘बीजेपी ने ‘400 पार’ का नारा दिया और लोकसभा चुनाव में 400 से ज़्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा, लेकिन कुछ इलाकों में इसे लेकर निगेटिव नैरेटिव सेट किया गया कि संविधान बदल दिया जाएगा और ‘400 पार’ के लक्ष्य को इससे जोड़ दिया गया.’
बीजेपी के नारे के बताए साइड इफेक्ट
शिंदे ने इस नारे के साइड इफेक्ट बताते हुए कहा, ‘लोगों ने विपक्ष की इस बात को ध्यान में रखा और इसका उल्टा असर हुआ. उनकी गाड़ी 300 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई. कई राज्यों में उन्हें बड़ा झटका लगा. इसी कारण से महाराष्ट्र में भी महायुति को वह सफलता नहीं मिली, जिसकी उसे उम्मीद थी.’
शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘बड़े पैमाने पर झूठे नैरेटिव और झूठी अफवाह लोगों में फैलाई गई कि संविधान बदला जाएगा, आरक्षण कम होगा. उसमें मुस्लिम होंगे, दलित होंगे और कई लोग होंगे. इसमें जो आज भ्रम पैदा किया गया यह जरूर लोगों के सामने आएगा. वोट बैंक की जो राजनीति हुई है, यह लोगों को पता चलेगी. निश्चित रूप से जिन्होंने वोट बैंक की राजनीति की है उनके असली चेहरे भी सामने आएंगे.’
इसके साथ ही महाराष्ट्र के नतीजे पर एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘मैं यही कहूंगा कि हमारे शिवसेना का जो परफॉर्मेंस है, जो हमारा स्ट्राइक रेट है वह पहले से बेहतर हुआ है. हम 13 सीट लड़े और उसमें से 7 सीटें जीती. मुंबई में 2 लाख से ज्यादा वोट उनसे हमें ज्यादा मिला है. 90 प्रतिशत शिवसेना के वोट में से 40 प्रतिशत हमारे पास है. शिवसेना के बेस पर हमें वोट मिले हैं. इससे साफ जाहिर है की स्ट्राइक रेट में वोट शेयर में हम आगे हैं और लोग हमारे साथ हैं.’
शिंदे के इन बयानों को प्रेशर पॉलिटिक्स के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल महाराष्ट्र में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लोकसभा में 7 और राज्यसभा में एक सांसद हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली नवगठित सरकार में पार्टी को आयुष मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद मिला है.
शिवसेना के कई नेता भी मोदी कैबिनेट में जगह न मिलने को लेकर हाल के दिनों में नाराजगी जता चुके हैं. मावल से लोकसभा सदस्य श्रीरंग बारणे ने भी कहा शिवसेना को एक कैबिनेट और दो राज्यमंत्री पद मिलने से कुछ सांसदों को जगह मिल जाती, लेकिन सही समय पर उनकी मांग पूरी की जाएगी.
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