डेस्क: भारत और मालदीव (India and Maldives) के रिश्ते इन दिनों तल्ख हैं. हाल ही में मालदीव में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ और चीन की तरफ झुकाव रखने वाले मोहम्मद मोइज्जू प्रेसिडेंट बने और उन्होंने भारत विरोधी बयान देने शुरू किये. मोइज्जू से पहले की मालदीव सरकार भारत के करीब मानी जाती थी और दोनों देशों के बीच अच्छे ताल्लुकात थे. भारत, मालदीव की तमाम तरीके से मदद करता रहा है. यहां तक कि अभी मालदीव के जो सबसे अमीर शख्स हैं, उन पर भी भारत का ‘एहसान’ है.
कौन हैं मालदीव के सबसे अमीर शख़्स?
कासिम इब्राहिम (Qasim Ibrahim) मालदीव के सबसे अमीर शख़्स हैं. तेल से लेकर रियल स्टेट, ट्रैवल-टूरिज्म और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट जैसा बिजनेस करने वाले कासिम इब्राहिम को बुरुमा कासिम (Buruma Qasim) के नाम भी जाना जाता है. कासिम आज भले ही मालदीव के सबसे रईस शख्स हों, लेकिन उनकी जिंदगी उतार-चढ़ाव भरी रही है.
अगस्त 1951 में जन्में कासिम इब्राहिम (Qasim Ibrahim) ने 1969 में माले एक अस्पताल में बतौर क्लर्क अपने करियर की शुरुआत की. 4 साल बाद 1973 में उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और एक फर्नीचर मार्ट में मैनेजर की नौकरी करने लगे.
चावल-तंबाकू से धंधे की शुरुआत
इसी दौरान वह सरकारी ट्रेडिंग कंपनी बोडू स्टोर (Bodu Store) के लिए भी पार्ट टाइम काम किया करते थे. बोडू स्टोर में काम करते हुए कासिम के दिमाग में खुद का बिजनेस शुरू करने का आइडिया आया. उन्होंने 1976 में ट्रेडिंग कंपनी शुरू की और चावल से लेकर तंबाकू, डीजल, केरोसिन जैसी चीजों का व्यापार करने लगे. उनकी कंपनी को अच्छा मुनाफा हुआ और देखते ही देखते तेजी से आगे बढ़ने लगे. इसके बाद उन्होंने अपना बिजनेस बढ़ाने का फैसला किया. यहीं भारत उनके काम आया.
discoverwalks की एक रिपोर्ट के मुताबिक कासिम इब्राहिम (Qasim Ibrahim) ने जब बिजनेस एक्सपेंशन का फैसला लिया तो उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से कर्ज मांगा. 2000 डॉलर का लोन लेकर एक तरीके से अपने व्यापार की नींव रखी. एसबीआई (SBI) आज भी बुरुमा कासिम का प्राइमरी बैंकर है.
मछली मारने वाली नाव से पीटा पैसा
चावल, तंबाकू और मिट्टी का तेल जैसी चीजों का व्यापार करते हुए इब्राहिम ने तेल इंपोर्ट का धंधा शुरू करने का फैसला किया और उन्होंने मछली मारने वाली एक पुरानी नाव से अपने धंधे की शुरुआत की. इस फिशिंग बोट को उन्होंने कार्गो शिप में तब्दील करवाया और इसी से तेल इंपोर्ट करने लगे. 14 अप्रैल 1986 को उन्होंने अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाया और इसका नाम रखा विला शिपिंग एंड ट्रेडिंग कंपनी (Villa Shipping and Trading Company) लिमिटेड.
Villa Group की शुरुआत
धीरे-धीरे बुरुमा की कंपनी दूसरे धंधों में भी शामिल हुई. जिसमें ट्रैवल-टूरिज्म से लेकर ट्रांसपोर्ट, कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, गैस और सीमेंट के धंधे शामिल हैं. कासिम की कंपनी विला शिपिंग एंड ट्रेडिंग कंपनी में सिर्फ वह और उनकी पत्नी शेयर होल्डर हैं. कासिम के पास 95% शेयर हैं तो उनकी पत्नी 5 फीसदी शेयर की मालकिन हैं.
साल 1991 में कासिम इब्राहिम (Qasim Ibrahim Villa Group) ने विला शिपिंग कंपनी की नींव डाली और इसका रजिस्ट्रेशन सिंगापुर में करवाया अभी इस कंपनी का वैल्यूएशन 5 लाख डॉलर के आसपास है. कासिम इब्राहिम या बुरुमा कासिम की कुल संपत्ति की बात करें तो वह 9.63 बिलियन मालदीवियन रुपैया ( 9.63 Billion MVR) के मालिक हैं.
राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ चुके हैं
80 के दशक में जब इब्राहिम कासिम बिजनेस में सफल होने लगे तो उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाने का फैसला किया और 1989 में पहली बार मालदीव संसद में चुनकर पहुंचे. साल 2013 में वह जम्हूरी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़े लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. वह मालदीव के गृह मंत्री से लेकर वित्त मंत्री और तमाम महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे.
जेल भी जाना पड़ा
जुलाई 2005 से जुलाई 2008 तक सेंट्रल बैंक ऑफ़ मालदीव्स के गवर्नर रहे. कासिम इब्राहिम और उनकी कंपनी पर अनियमिताओं के आरोप भी लगे. यहां तक कि कासिम को जेल भी जाना पड़ा. साल 2008 में मालदीव के ऑडिटर जनरल ने संसद को एक रिपोर्ट सौंपी. जिसमें कहा गया था कि उनकी कंपनी विला ग्रुप, अवैध तरीके से शेयर की ट्रेडिंग में शामिल है.
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