शिक्षा विभाग रिजल्ट के गिरते प्रतिशत को लेकर गंभीर हुआ, रिजल्ट सुधारने की जिममेदारी पहली बार प्राचार्यों को सौंपी
इन्दौर (राजेश मिश्रा)। सरकारी स्कूलों में रिजल्ट के गिरते प्रतिशत को देखते हुए शिक्षा विभाग ने इसी सत्र में एक कठोर निर्णय लेते हुए हर स्कूल में हर कक्षा के रिजल्ट का लक्ष्य तय करने का फैसला लिया है। स्कूल के प्राचार्यों को शिक्षा विभाग को बताना होगा कि किस कक्षा के रिजल्ट का लक्ष्य कितना रहेगा। 25 जनवरी तक सभी प्राचार्यों से कक्षावार कक्षा के रिजल्ट की सूची मांगी है। लक्ष्य से कम रिजल्ट आने पर प्राचार्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
इस बार भी शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर में पहली से 12वीं तक के रिजल्ट की समीक्षा की और ऐसे स्कूलों को चिह्नित किया, जिनका रिजल्ट शून्य से चालीस प्रतिशत के बीच आया है। इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की विभाग ने दक्षता परीक्षा भी आयोजित की। स्थिति यह रही कि स्कूलों में पढ़ाने वाले कई शिक्षक दक्षता परीक्षा में आसानी से पूछे जाने वाले सवालों का जवाब भी नहीं दे पाए और फेल हो गए। ऐसे शिक्षकों की दूसरी बार दक्षता परीक्षा मार्च में होने जा रही है। इधर शिक्षा विभाग ने पहली बार सभी स्कूलों के प्राचार्यों को उनके स्कूलों में कक्षावार कितना प्रतिशत रिजल्ट आएगा, इसका लक्ष्य तय करने और इसकी जानकारी 25 जनवरी तक मांगी है। प्राचार्य ने जो लक्ष्य दिया है यदि उससे कम रिजल्ट आता है तो उसकी जिम्मेदारी प्राचार्य की रहेगी और उसके खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।
यह कार्रवाई होगी
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार प्राचार्य ने रिजल्ट का जो लक्ष्य दिया है, उसमें अगर दस प्रतिशत की कमी रहेगी तो प्राचार्य पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद क्रमवार कार्रवाई का लक्ष्य भी तय किया गया है। दस से बीस प्रतिशत की कमी होने पर प्राचार्य की दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाएगी। चालीस फीसदी से अधिक कमी होने पर विभागीय जांच संस्थापित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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