- पांच हजार रुपये तक पेंशन का भी प्रस्ताव
- प्रदेश में हर साल वन्यप्राणियों के हमले में होती है औसत 65 लोगों की मौत
भोपाल। वन्यप्राणियों के हमले में मरने वाले लोगों के स्वजनों को राज्य सरकार अब चार के स्थान पर आठ लाख रुपये का मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में यह घोषणा की थी। वन्यप्राणी मुख्यालय ने आठ लाख रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। उसमें यह भी प्रस्तावित किया है कि वन्यप्राणियों के हमले में मृत या अपंग होने पर संबंधित के परिवार या व्यक्ति को पांच साल तक पांच हजार रुपये महीना पेंशन दी जाए, ताकि उस परिवार को संभलने का मौका मिल सके। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय भेजा जा चुका है। जल्द ही कैबिनेट अंतिम निर्णय लेगी।
प्रदेश में हर साल औसत 65 लोगों की मौत वन्यप्राणियों (बाघ, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा) के हमले में होती है। वहीं 1100 लोग अपंग हो जाते हैं। ऐसे परिवारों को राज्य सरकार अभी चार लाख रुपये आर्थिक सहायता देती है। इसे अब बढ़ाया जा रहा है। वन विभाग ने आठ लाख रुपये सहायता देने का प्रस्ताव भेजा है। ऐसे परिवार को शुरू के पांच साल तक पांच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रस्ताव भी है। ताकि परिवार को एक मुश्त मिलने वाले आठ लाख रुपये दैनिक जरूरतों पर खर्च न हों और इस राशि से वह अपने जीविकोपार्जन की व्यवस्था कर सकें। अधिकारी बताते हैं कि आमतौर पर ऐसा परिवार एकमुश्त राशि से दैनिक जरूरतों की पूर्ति करता है। इस कारण कुछ समय बाद राशि खत्म हो जाती है। पेंशन के तीन लाख रुपये भी मिला लें, तो एक परिवार को 11 लाख रुपये सहायता हो जाएगी।
सालभर में आएगा 10 करोड़ का खर्च
नई व्यवस्था से सालभर में जनहानि और जन घायल के प्रकरण में सात से 10 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वर्तमान में सालभर में ढाई से तीन करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
वन्यप्राणियों के हमले में मृत और घायलों का आंकड़ा
वर्ष — जनहानि — जन घायल
- 2021-22 — 60 — 1005
- 2020-21 — 90 — 1273
- 2019-20 — 51 — 1190
- 2018-19 — 47 — 1324