उज्जैन। हाउसिंग बोर्ड की शहर में दर्जनों स्थानों पर करोड़ों की खाली जमीन अतिक्रमण का शिकार हो रही है। लोग इन्हें खरीदने के लिए भी तैयार हैं। इसके लिए पिछले तीन साल में ही 75 से ज्यादा आवेदन हाउसिंग बोर्ड की तकनीकी शाखा में आए हैं। हाउसिंग बोर्ड की तकनीकी शाखा के जवाबदार विभाग की बेशकीमती जमीन को बेचने में जरा भी रूचि नहीं दिखा रहे हैं और न ही कब्जे हटवा रहे हैं। हाउसिंग बोर्ड ने पिछले तीन दशकों में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में डेढ़ दर्जन के लगभग आवासीय कॉलोनियों का निर्माण किया है। विभाग द्वारा विकसित की गई कॉलोनियों को सन् 1981 से लेकर वर्ष 2009 तक नगर निगम को हेंडओवर भी कर दिया गया है।
तीन साल से पेंडिंग है कई आवेदन
हाउसिंग बोर्ड की तकनीकी शाखा में एक अप्रैल 2018 से लेकर 31 मार्च 2019 तक हाउसिंग बोर्ड की शहरी सीमा में रिक्त पड़ी अतिरिक्त भूमि को खरीदने के लिए 15 आवेदन पहुँचे थे इसके बाद पिछले साल भी 35 से ज्यादा आवेदन लोगों ने जमीन खरीदने के लिए दिए लेकिन इनमें से एक भी आवेदन तकनीकी शाखा के जवाबदार इंजीनियरों ने आगे की प्रोसेस के लिए इसे आवक-जावक शाखा से निकालकर विभाग के कार्यपालन यंत्री तक नहीं पहुँचाया। विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हाउसिंग बोर्ड के कंस्ट्रक्शन डिवीजन की आवक-जावक शाखा में इस प्रकार के एक दर्जन से ज्यादा आवेदन अभी भी धूल खा रहे हैं। इधर कई क्षेत्रों में विभाग की रिक्त पड़ी भूमि जिस पर कब्जे हो चुके हैं उनका भी कोई रिकार्ड अपडेट नहीं हैं।
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