डेस्क: रूस और यूक्रेन के युद्ध ने दुनिया को दो धड़ों में बांट दिया. इस युद्ध में पश्चिमी देश तो यूक्रेन के साथ दिखाई दे रहे हैं वहीं चीन और बेलारूस जैसे देश रूस के साथ हैं. हालांकि इस पूरे युद्ध के दौरान भारत ऐसा देश है जिसके रुख किसी एक पक्ष में नहीं है और इसी वजह से पश्चिम देशों में भारत के खिलाफ खासा नाराजगी है.
पश्चिमी देशों की मांग कि भारत करे विरोध
पश्चिमी देशों की मांग है कि भारत को रूसी हमले का विरोध करे. लेकिन इस बीच यह भी जान लेना दिलचस्प है कि भारत को सलाह देने वाला अमेरिका खुद पाकिस्तान के साथ है. बता दें कि पाकिस्तान को पूरी दुनिया में ही आतंक का समर्थक कहा जाता है. वह देश टेरर फंडिंग के चलते FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल है.
‘पाकिस्तान का साथी है अमेरिका’
गौरतलब है कि अमेरिका के विदेश विभाग ने पिछले गुरुवार को कहा, ‘पाकिस्तान हमारा पार्टनर है और हम साझेदारी को मजबूत बनाने के प्रयास करते रहेंगे.’ दरअसल अमेरिका के विदेश मंत्रालय से सवाल किया गया था कि क्या पाकिस्तान में नई सरकार आने के बाद अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में सुधार हुआ है? इसके जवाब में प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाते रहेंगे जो हमारे अपने और साझा हितों को पूरा करेंगे.’
पाकिस्तान से कब सुधरे अमेरिका के रिश्ते?
उल्लेखनीय है अमेरिकी विदेश विभाग से यह सवाल इसलिए पूछा गया क्योंकि पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं थे. इमरान खान ने सत्ता से बाहर होते समय भी अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाए थे. इमरान का आरोप था कि अमेरिका की मौजूदा सरकार उन्हें सत्ता से बाहर करना चाहती है. इसके पक्ष में उन्होंने कथित विदेशी साजिश वाले कुछ पत्र भी सार्वजनिक किए थे.
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